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राजस्थान में 402 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण, 6 घंटे कम में कटेगा सफर, किसान होंगे मालामाल

पश्चिमी राजस्थान को पूर्वी राजस्थान से जोड़ने वाला यह 402 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे दोनों जिलों की दूरी को काफी आसान बना देना। इस एक्सप्रेसवे की वजह से दोनों जिले जुड़ने के साथ-साथ उनकी यात्रा भी आसान हो जाएगी। इसके साथ-साथ मारवाड़ और हाड़ोती से अलग-अलग संस्कृतियों को लाना काफी आसान हो जाएगा और देश के हर हिस्से से भी तक विविध संस्कृतियों को पहुंचाया जा सकेगा. 

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राजस्थान में 402 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण, 6 घंटे कम में कटेगा सफर, किसान होंगे मालामाल

The Chopal, Jalore jhalawad Greeen Field Expressway: इस राजमार्ग की वजह से राजस्थान के लहसुन, जीरा और अन्य नगदी फसलों के उत्पादकों को काफी फायदा मिलेगा। झालावाड़ के पास लगती रामगंज मंडी और नीमच मंडी लहसुन उत्पादकों का प्रमुख बाजार है। इसके साथ-साथ यहां पर कई तरह के मसाले भी मिलते हैं। वही जालौर और झालावाड़ के बीच सीधा संपर्क होने की वजह से इन मंदिरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके साथ-साथ राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से मेवाड़ के पर्यटन जैसे उदयपुर और चित्तौड़गढ़ तक पहुंचाने का सीधा रास्ता बन जाएगा। 

इस एक्सप्रेसवे को बनाए जाने के बाद पर्यटकों के लिए इन क्षेत्रों में जाना काफी आसान हो जाएगा। राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की वजह से लोगों को सुविधाजनक सफर का मजा मिल सकेगा। इसके साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक विकास को भी रफ्तार देगा। कृषि के साथ-साथ अन्य रोजगार का भी अवसर खुलेगा। 

बता दें कि अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है कि एक्सप्रेसवे का रूट क्या रहेगा। लेकिन यहां के लोगों को इस परियोजना से काफी उम्मीदें हैं। इस रोड की वजह से जालौर और झालावाड़ के लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे। यह रोड राजस्थान के लोगों को साथ-साथ मध्य प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों के लिए भी लाभदायक साबित होगा। राजस्थान सरकार की प्राथमिकता की वजह से यह परियोजना जल्द ही शुरू होने का अनुमान है। 

राजस्थान के बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए ये रोड वरदान साबित होगा। क्योंकि इन शहरों से मसाले कृषि उत्पादन और पारंपरिक हस्तशिल्प जैसी चीज देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेस वे ही की वजह से रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे और स्थानीय मजदूरों ठेकेदारों को भी काम मिलेगा. वहीं सड़क के आसपास छोटे-मोटे उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. 

बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा और सड़क के किनारे बहुत सारे पेड़ लगाए जाएंगे. जो हरियाली के साथ-साथ पर्यावरण को भी संतुलित बनाए रखेंगे. ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होने की वजह से यह काम प्रदूषण और ऊर्जा कुशल मार्ग होगा।

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