घरों और दुकानों के सीसीटीवी कैमरे नियंत्रण कक्ष से जुड़ेंगे, योगी सरकार का बड़ा प्लान
Saral Kisan - योगी सरकार सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से जोड़ने का प्रयास करेगी. ये कैमरे निजी प्रतिष्ठानों, घरों, बैंकों, हॉस्पिटल्स, पेट्रोल पम्पों, पार्कों, मॉलों, स्कूलों, सरकारी विभागों सहित कई स्थानों पर लगाए जाएंगे। प्रदेश के हर शहर को सेफ सिटी बनाने के लिए तीन चरणों में काम करना होगा। पहले चरण में 17 नगर निगम हैं, जबकि दूसरे चरण में 200 नगर निगम हैं। वहीं, तीसरे चरण में मिलने वाले वीडियो में वीडियो एनालिटिक्स का उपयोग करके सुरक्षा को और भी बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री के मिशन को साकार करने के लिए शुक्रवार को नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, नगरीय निकाय निदेशालय के सभाकक्ष में ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन का आयोजन किया गया. सात कंपनियों ने प्रत्यक्ष रूप से बैठक में भाग लिया, जबकि 20 अन्य कंपनियों ने ऑनलाइन भाग लिया। लखनऊ, कानपूर और अलीगढ नगर निगमों में सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा सेशन में प्रमुखता से हुई।
इफ्कोन इंडिया लिमिटेड ने प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि 800 कैमरों (लगभग 2000) को अलीगढ़ में सर्वे किया गया है। सक्षम स्तर से पुष्टि होने के उपरांत, इनको लगभग दो महीने के भीतर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। वहीं, टेक महिंद्रा ने कानपुर नगर निगम की सुरक्षा प्रणाली पर एक रिपोर्ट दी। कंपनी ने बताया कि 800 से 900 कैमरों को मॉनिटर करके लगभग 2500 कैमरों का सर्वे किया गया है। इन कैमरों को आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर) में स्थापित किया जाएगा अगर सब कुछ संतोषजनक है।
लखनऊ पर भी कंपनी ने एक प्रस्तुतिकरण दिया। जिसमें बताया गया कि 2271 में से 652 पर काम चल रहा है और जल्दी ही पूरी राजधानी पर कैमरे होंगे। क्वार्टेल्ला, हनीवेल, नयन, जेसीआई, रिलायंस जिओ, वेहंत और एम-लॉजिका भी उपस्थित हुए। करीब 20 अन्य कंपनियों ने भी इस दौरना में ऑनलाइन भाग लिया। ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में प्रदेशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेफ सिटी परियोजना के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग करके शत-प्रतिशत महिलाओं को सुरक्षा देने, अपराधियों को पहचानने, शोहदों पर नकेल कसने, आपातकालीन स्थिति में महिलाओं और बच्चों को तत्काल मदद देने और आत्महत्या को रोकने पर भी चर्चा हुई।