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Business Ideas : मिट्‌टी से जुड़ा यह बिजनेस करें शुरू, रहती है फुल डिमांड, कम समय में होगी मोटी कमाई

Business Idea : अगर आप कम लागत में अच्छा बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो इस मिट्‌टी के बिजनेस से हर महीने बंपर कमाई कर सकते हैं। इस बिजनेस को शुरू करने में भी कम लागत आती है। आइए नीचे खबर में जानते हैं कैसे शुरू करें बिजनेस...

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Business Ideas: Start this soil related business, there is full demand, you will earn big money in short time.

Saral Kisan : सिंगल यूज प्लास्टिक के कारोबार से कई लोग जुड़े हुए थे। अब इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। लिहाजा इसके दूसरे विकल्पों की तलाश तेजी से शुरू हो गई है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। जिसमें लागत भी बहुत कम आएगी और बंपर कमाई होने की पूरी संभावना है। सिंगल यूज प्लास्टिक का यह सबसे बड़ा विकल्प उभर कर सामने आ सकता है। हम बात कर रहे हैं कुल्हड़ बनाने के बिजनेस (Kulhad making Business) के बारे में। इस बिजनेस को 50,000 रुपये लगाकर शुरू किया जा सकता है।

इसे शुरू करने के लिए मोदी सरकार आर्थिक मदद भी मुहैया करा रही है। हर गली, हर नुक्कड़ पर कुल्हड़ वाली चाय की मांग रहती है। ऐसे में आप कुल्हड़ बनाने और बेचने का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने से रेलवे स्टेशनों (Railway Station), बस डिपो (Bus Depot), एयरपोर्ट (Airport) और मॉल (Mall) में जल्द ही कुल्हड़ की डिमांड बढ़ सकती है।

कुल्हड़ को सरकार दे रही है बढ़ावा

सरकार कुल्हड़ बनाने के लिए बिजली से चलने वाली चाक मुहैया कराती है। जिसकी मदद से आसानी से कुल्हाड़ बना सकते हैं। खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कुछ समय पहले जानकारी दी थी कि साल 2020 में केंद्र सरकार ने 25,000 इलेक्ट्रिक चाक बांटे थे। सरकार इन कुल्ह़ड़ों को अच्छी‍ कीमत पर खरीदती भी है। बता दें कि हाल ही में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कुल्हड़ को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक या कागज के कप में चाय बेचने पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं केंद्र सरकार ने भी 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने का ऐलान कर दिया। ऐसे में कुल्हड़ की मांग में इजाफे का फायदा उठाया जा सकता है।

कुल्हड़ बनाने के लिए कच्चा माल

कच्चे माल की बात की जाए तो इसे बनाने में एक अच्छी क्वालिटी की मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इसे किसी नदी या फिर तालाब के आसपास से ले सकते हैं। दूसरा कच्चा माल सांचा होता है। आप जिस भी आकार का कुल्हड़ बनाना चाहते हैं आप उस आकार के हिसाब से सांचे को बाजार से खरीद सकते हैं। एक बार कुल्हड़ बन जाने के बाद इसे मजबूत करने के लिए इसे पकाना होता है। इसके लिए एक बड़े आकार की भट्टी की आवश्यकता होती है। भट्टी का निर्माण करने के बाद आप इस में बनी हुई कुल्लड़ को पका सकते हैं।

कितनी होगी कुल्हड़ से कमाई?

चाय का कुल्हड़ बेहद किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिहाज से भी बेहद सुरक्षित माना जाता है। मौजूदा रेट की बात करें तो चाय के कुल्हड़ का भाव करीब 50 रुपये सैकड़ा है। इसी प्रकार लस्सी के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा, दूध के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा और प्याली 100 रुपये सैकड़ा चल रही है। मांग बढ़ने पर इससे अच्छे रेट की भी संभावना है। अभी सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने के बाद इसके दाम और बढ़ सकते हैं।


 

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