Business Idea: इस बिजनेस में लागत से 10 गुना होती है कमाई, इस तरह करें शुरुआत
Business Idea: हम आपको एक ऐसा व्यवसायिक विचार दे रहे हैं। जिसकी शुरुआत करते ही लॉटरी मिल जाएगी। यह व्यवसाय है। जिसमें बड़ी कमाई होती है और बहुत कम लागत आती है। हम फ्रोजन मटर का बिजनेस (Frozen Green Peas Business) बता रहे हैं। हरा मटर सिर्फ ठंड के समय में मिलता है, हालांकि मटर की मांग हर समय रहती है। फ्रोजन मटर से सब्जी और अन्य सामग्री शादी-विवाह जैसे समारोहों में बनाई जाती हैं। वैसे भी, किसान मटर की फसल से 3-4 महीने में ही अच्छी कमाई कर सकते हैं। लेकिन अगर आप थोड़ा सा बुद्धिमत्ता दिखाएं तो आप काफी पैसे कमा सकते हैं।
फ्रोज़न मटर व्यवसाय को अपने घर के छोटे से कमरे से ही शुरू कर सकते हैं। हालाँकि, बड़े पैमाने पर व्यवसाय करना चाहते हैं तो चार हजार से पांच हजार वर्ग फुट की जगह की आवश्यकता होगी। वहीं, छोटे उद्यमों को हरी मटर छीलने के लिए कुछ कर्मचारियों की जरूरत होगी। बड़ी मटर छीलने वाली मशीनों की आवश्यकता होगी। लाइसेंस भी चाहिए होंगे।
फ्रॉज़न मटर का व्यवसाय कैसे शुरू करें?
अगर आप फ्रोजन मटर का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपको सर्दियों में किसानों से हरी मटर खरीदनी होगी। फरवरी तक ताजी हरी मटर आमतौर पर आसानी से मिल जाती है। फ्रोज़न मटर व्यवसाय को अपने घर के छोटे से कमरे से ही शुरू कर सकते हैं। किसानों से मटर खरीदने के बाद, इसे छीलने, धोने, उबालने और पैकिंग करने के लिए कर्मचारियों की जरूरत होगी। आपको सारी मटर एक साथ नहीं खरीदनी चाहिए। आप हर दिन मटर खरीदकर प्रॉसेस कर सकते हैं।
कितनी आय होगी?
फ्लोरेन मटर का बिजनेस शुरू करने पर कम से कम 50 से 80 प्रतिशत का मुनाफा मिल सकता है। आप किसानों से 10 रुपये प्रति किलो हरी मटर खरीद सकते हैं। 2 kg हरी मटर में 1 kg दाने निकलते हैं। आप इन मटर के दानों को प्रोसेस कर थोक में 120 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बेच सकते हैं अगर आपको मटर की कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम से मिलती है। यही कारण है कि फ्रोजन मटर के पैकेट्स को सीधे रिटेलर्स को बेचने से आपको अधिक लाभ मिलेगा।
जानिए फ्रोजन मटर कैसे बनता है
फ्रोजेन मटर बनाने से पहले मटर को छीला जाना चाहिए। तब करीब 90 डिग्री सेंटिग्रेट के तापमान पर मटर उबाला जाता है। फिर मटर के दानों को 3 से 5 डिग्री सेंटिग्रेट तक ठंडे पानी में डाला जाता है, ताकि बैक्टीरिया मर जाएं। इसके बाद, इन मटरों को लगभग 40 डिग्री तक के तापमान पर अगला कार्य किया जाता है। इससे मटर पर बर्फ जमती है। फिर मटर के दानों को अलग-अलग वजन के पैकेट्स में पैक कर बाजार में भेजा जाता है।
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