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Business Idea: एक एकड़ में लगाया अगर यह पेड़, तो 10 साल में बन जाएंगे 30 करोड़ के मालिक

अगर आप किसान है और आपके पास छोटे या बड़े खेत हैं तो अब आपको करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। खेती किसानी से करोड़पति बनना अब कोई नई बात नहीं है। कई किसान खेती का मॉडल बदलकर नए तरीकों से खेती कर रहे हैं और पैसे वाले बनकर अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल बने हुए हैं।आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
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Business Idea: If this tree is planted in one acre, then in 10 years you will become the owner of Rs 30 crores.

Saral Kisan : आप भी खेती-किसानी में नए-नए प्रयोग अपनाकर भविष्य में करोड़पति बन सकते हैं। वर्तमान में कई प्रजातियों के पौधों की खेती बहुत लोकप्रिय हो रही है। आपको सिर्फ एक बार लंबे समय के लिए इनमें निवेश करना है।

समय बढ़ने के साथ आपकी खेती के मॉडल की कीमत बढ़ती जाएगी और लंबे समय के बाद आप इस मुकाम पर पहुंच जाएंगे कि लोग आपको करोड़पति कहेंगे। यह पोस्ट उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है जो कहते हैं खेती में कुछ बचता नहीं और खेती घाटे का सौदा है। 

किसानों को मालामाल बनाने वाले प्रमुख पेड़ों की खेती

किसान पेड़ों की खेती करके मालामाल बन सकते हैं, बस उन्हें थोड़ा धैर्य रखना होगा। यहां आपको टॉप 10 पेड़ों के नाम बताए जा रहे हैं जिनकी खेती से आप भी करोड़पति बन सकते हैं।

चंदन की खेती

रेगिस्तानी इलाकों को छोड़कर देश के सभी भूभाग में चंदन की खेती की जा सकती है। चंदन की देश और विदेश में इतनी मांग है कि उसकी पूर्ति फिलहाल संभव नहीं है। मांग के मुकाबले बहुत कम चंदन पैदा हो रहा है। चंदन की बाजार कीमत 27 से 30 हजार रुपए प्रतिकिलो है।

चंदन का उपयोग औषधियां, इत्र, तेल, साबुन और कॉस्मेटिक उत्पाद आदि में किया जाता है। चंदन का एक पेड़ 5 से 6 लाख रुपए की कमाई करा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ जमीन में चंदन के 600 पेड़ लगाए जा सकते हैं। जो 10 से 15 साल के बीच आपको 20 से 30 करोड़ रुपए तक की कमाई करा सकते हैं।

सागवान की खेती

सागवान की खेती के लिए किसी विशेष प्रकार की मिट्‌टी की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी खेती दोमट मिट्‌टी में आसानी से की जासकती है। सागवान का पेड़ 200 साल तक जीवित रहता है। सागवान की लकड़ी काफी मजबूत होती है और बाजार में महंगे दामों पर बिकती है।

इसका उपयोग फर्नीचर, प्लाईवुड, जहाज, रेल के डिब्बे, दवा, औषधि आदि को बनाने में किया जाता है। देश-विदेश में सागवान की लकड़ी की बहुत अधिक डिमांड है। मात्र 5 फीसदी मांग की ही पूर्ति वर्तमान में हो रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ खेत में सागवान के 120 पौधे लगाए जा सकते हैं। सागवान के पौधे 15 साल बाद कटाई के योग्य हो जाते हैं। वर्तमान में सागवान की लड़की का भाव 2000-2500 रुपए प्रति घनफुट है। सागवान की खेती भी आपको करोड़पति बनाने की क्षमता रखती है।

सफेदा की खेती

सफेदा को नीलगिरी (यूकेलिप्टस) के नाम से भी जाना जाता है। सफेदा के पेड़ से बढ़िया क्वालिटी की इमारती लकड़ी प्राप्त होती है, जो जहाज बनाने, इमारती खंभे अथवा सस्ते फर्नीचर के बनाने में काम आती है। इसकी पत्तियों से शीघ्र तेल मिलता है जो पेट की बीमारियों, गले, नाक या सर्दी जुकाम में औषधी के रूप में प्रयुक्त होता है।

इससे एक प्रकार का गोंद भी प्राप्त होता है। पेड़ों की छाल कागज बनाने और चमड़ा बनाने के काम में आती है। सफेदा की खेती सामान्य जलवायु और मिट्‌टी में की जा सकती है। सफेदा की खेती का उचित समय जून से अक्टूबर तक का होता है। सफेदा का पेड़ 5 साल में बहुत अच्छी तरह से विकास कर लेता है।

सफेदा के एक पेड़ से करीब 400 किलो तक लड़की प्राप्त होती है। विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ भूमि में सफेदा के करीब 3 हजार पेड़ लगाए जा सकते हैं। सफेदा की लकड़ी बाजार में 6 से 8 रुपए प्रतिकलो के हिसाब से बिकती है। इस प्रकार एक एकड़ जमीन से 5 साल बाद कम से कम 72 लाख रुपए की कमाई की जा सकती है।

महोगनी की खेती

महोगनी की खेती भी किसानों को करोड़पति बना सकती है। महोगनी की लकड़ी बहुत अधिक कीमती होती है। इसकी लकड़ी का उपयोग कीमती फर्नीचर, जहाज, प्लाईवुड, सजावट का सामान, मूर्तियां बनाने में किया जाता है। महोगनी के पत्तों का इस्तेमाल कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी और डायब‍िटीज सहित कई तरह की बीमार‍ियों में होता है।

महोगनी की खेती पहाड़ी इलाकों को छोड़कर किसी भी जगह की जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ भूमि पर महोगनी के 120 पेड़ लगाए जा सकते हैं जो 12 साल में पूर्ण विकसित हो जाते हैं। इन 12 सालों के दौरान महोगनी के पत्ते और बीजों से लगातार कमाई होती है।

महोगनी का पेड़ 5 साल में एक बार बीज देता है। महोगनी का बीज शक्तिवर्द्धक दवा बनाने के काम आता है। इसके बीज एक हजार रुपए किलो के भाव से बिकते हैं और लकड़ी 2200 रुपए प्रतिघन फीट के भाव से बिकती है।

गम्हार की खेती

गम्हार की लड़की सागवान के सामान ही गुणवान और मूल्यवान है। इमारती लकड़ी में सागवान के बाद गम्हार की लकड़ी का सबसे अधिक उपयोग होता है। गम्हार की लड़की का उपयोग फर्नीचर, कृषि उपकरण और खिलौने में किया जाता है। गम्हार को खमेर भी कहा जाता है।

इसको कृषि वानिकी, वानिकी और सामुदायिक वानिकी के उद्देश्य से लगाया जाता है। प्राय: किसान इसे खेतों की मेड पर लगाते हैं। यह पेड़ बहुत तेजी से बड़ा होता है। इसके पत्तों का इस्तेमाल दवा बनाने में होता है।

एक एकड़ खेत में गम्हार के 500 पेड़ लगाए जा सकते हैं। 500 पेड़ लगाने की लागत मात्र 50 हजार रुपए आती है। अगर एक एकड़ जमीन पर सही तरीके से गम्हार की खेती की जाए तो कुछ सालों में एक करोड़ से अधिक की कमाई की जा सकती है।

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