Brownfield Expressway : ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तो आप जानते होंगे ओर आज जानिए कैसे बनते हैं ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे
ये भी आम एक्सप्रेसवे ही होते हैं बस फर्क इतना होता है कि इन्हें नए सिरे से नहीं बनाया जाता है. पहले से मौजूद किसी हाईवे पर ट्रैफिक को आंशिक रूप से प्रतिबंध कर, हाइवे या सड़क का चौड़ीकरण कर ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार किये जाते हैं.
Saral Kisan (नई दिल्ली)। एक्सप्रेसवे के बारे में तो आप लोग अब तक जान ही गए होंगे. जिन्हें नहीं पता उन्हें बता दें कि ये कंट्रोल्ड-एक्सेस हाइवे होते हैं जो आमतौर पर शहर से थोड़ा दूर से निकाले जाते हैं. इन पर एग्जिट और एंट्री के लिए निर्धारित स्थान होते हैं और बाकी जगह यह दोनों और से बैरिकेडेड होते हैं. अब बात करते हैं कि ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे क्या होते हैं.
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बारे में तो काफी लोगों ने सुना होगा. ऐसे एक्सप्रेसवे जिन्हें एकदम नए सिरे से बनाया जा रहा हो. इन्हें मैदानों या खेतों के बीच से निकाला जाता है. इन्हें बनाना आमतौर पर आसान होता है. चूंकि, यह शहरों से दूर होते हैं तो वहां भूमि का अधिग्रहण आसान और सस्ता होता है. भीड़-भाड़ कम होने की वजह से इनका निर्माण तेजी के साथ किया जा सकता है. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 2 शहरों के बीच की दूरी को भी काफी घटा देते हैं क्योंकि इनमें बहुत मोड़ नहीं होते हैं. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे वहां बनाए जाते हैं जहां कभी रोड रही ही ना हो.
क्या होते हैं ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे (Brownfield Expressway)
ये भी आम एक्सप्रेसवे ही होते हैं बस फर्क इतना होता है कि इन्हें नए सिरे से नहीं बनाया जाता है. पहले से मौजूद किसी हाईवे पर ट्रैफिक को आंशिक रूप से प्रतिबंध कर, हाइवे या सड़क का चौड़ीकरण कर ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार किये जाते हैं. कई बार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को अगर किसी शहर के बीच से निकालना हो तो पहले से मौजूद सड़क को एक्सप्रेसवे में बदलकर उससे जोड़ दिया जाता है. इस तरह एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में ब्राउनफील्ड भी जोड़ा जा सकता है.
ग्रीनफील्ड (Greenfield)और ब्राउनफील्ड केवल एक्सप्रेसवे नहीं
इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल केवल एक्सप्रेसवे के ही संदर्भ में नहीं किया जाता है. इसका इस्तेमाल निवेश में भी होता है. मसलन, अगर कोई कंपनी अपना बिजनेस दूसरे देश में ले जाना चाहती है और इसके लिए वह उस देश में एक नई सब्सिडियरी की शुरुआत करती है तो उसे ग्रीनफील्ड इन्वेस्टमेंट कहा जाता है. दूसरी तरफ, अगर वह कंपनी उस देश में पहले से मौजूद किसी कंपनी का अधिग्रहण कर ले या उसमें निवेश कर दे तो उसे ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे कहा जाता है.
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