ब्लॉकचेन तकनीक से लगेगा फल और सब्जियों की तरो ताजगी का अंदाजा
Agriclture News : ब्लॉकचेन तकनीक बताएगी कि फल और सब्जियां कितनी ताजी हैं। एजेंसी न्यूयॉर्क सही समय पर फलों और सब्जियों का उपभोग खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। इसके कारण हर साल दुनिया के करीब 45% फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं। अमेरिका में ड्यूक यूनिवर्सिटी के फुक्वा स्कूल ऑफ बिजनेस के शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्लॉकचेन तकनीक इस समस्या का समाधान हो सकती है। यह तकनीक विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को फलों और सब्जियों का वास्तविक डेटा उपलब्ध कराएगी। वे जान सकेंगे कि फल और सब्जियां कितनी ताजी हैं। उन्हें कब काटा गया और उनकी शेल्फ लाइफ क्या है? इससे उनके लिए ऑर्डर कस्टमाइज़ करना, सही मात्रा में स्टॉक करना और केवल वही सामान बेचना या खरीदना आसान हो जाएगा जो उनकी अपेक्षाओं को पूरा करता हो।
2025 तक विक्रेता उपयोग 20% तक पहुंचने का अनुमान अमेरिका और चीन की बड़ी खाद्य कंपनियां पहले से ही ब्लॉकचेन जैसी प्रणालियों को अपना रही हैं। एक अध्ययन के अनुसार, इस तकनीक ने वॉलमार्ट के स्ट्रॉबेरी व्यवसाय के वार्षिक लाभ में 500 करोड़ रुपये की वृद्धि की। अनुमान है कि 2025 तक वैश्विक किराना विक्रेताओं में से 20% ब्लॉकचेन का उपयोग करेंगे।
हर साल 56 लाख टन तक फल और सब्जियां बर्बाद
भारत में हर साल 8.66 करोड़ मीट्रिक टन फल और सब्जियां पैदा होती हैं। इसमें से करीब 56 लाख टन बर्बाद हो जाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 13.3 हजार करोड़ रुपये के फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं।
स्टोरेज के साथ सही समय पर खपत होगी
विक्रेता यह तय कर सकेंगे कि उन्हें कौन सा फल और सब्जी पहले बेचना है। उपभोक्ता फलों और सब्जियों को स्टोर करके सही समय पर उनका उपभोग कर सकेंगे। इससे फलों और सब्जियों की बर्बादी कम करने में मदद मिलेगी। अमेरिका में शोध के दौरान 10.5 हजार टन स्ट्रॉबेरी को बर्बाद होने से बचाया गया।