Black Tomato:किस प्रकार से होती है काले टमाटर की खेती, इस राज्य के किसान कर रहे तगड़ी कमाई
Saral Kisan : टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसे भारतीय रसोई में आप निश्चित रूप से देखेंगे। किसी भी भारतीय घर में जाएँ, वहां बनने वाली हर सब्जी में आपको टमाटर जरूर मिलेंगे। टमाटर का उपयोग चटनी, चोखा, और विभिन्न प्रकार के सूप में भी होता है। हालांकि, यह सब पहले तक सिर्फ लाल टमाटरों से होता था। लेकिन अब बाजार में काले टमाटर (काला टमाटर) उपलब्ध होने के लिए तैयार हैं।
ये काले टमाटर किसानों की किस्मत में सफलता और समृद्धि के रंग भर देंगे। इनकी मांग भारत समेत पूरी दुनिया में अब तेजी से बढ़ी हुई है। चलिए, आपको बताते हैं कि इन टमाटरों के फायदे और इन्हें भारतीय किसान अपने खेतों में कैसे लगा सकते हैं उसके तरीके।
काले टमाटर की खेती कहां करें
काले टमाटर की खेती के लिए गर्म जलवायु सबसे अधिक उपयुक्त मानी जाती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच लेवल 6 से 7 के बीच होना चाहिए। उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में काले टमाटर की खेती आसानी से की जा सकती है। कहा जाता है कि इस टमाटर में नॉर्मल टमाटर के मुकाबले ज्यादा विटामिन सी होता है और इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं। किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी यह है कि काले टमाटर की बाजार में कीमत लाल टमाटर से कहीं ज्यादा है और इसकी मांग भी आजकल तेजी से बढ़ रही है।
भारत में सबसे पहले काले टमाटर की खेती कहां हुई
अगर हम इसे देखें तो यह फसल यूरोप की है। इंग्लैंड में काले टमाटर की खेती सबसे पहले शुरू की गई, और वहां इसे "सुपर फूड" कहा जाता है। लेकिन भारत की बात करें तो यहां काले टमाटर की खेती सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई। यहां के किसान आज भी काले टमाटर की खेती करते हैं। इसके बीज पहले विदेश से मंगाए जाते थे।
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