बिहार के बिहटा एयरपोर्ट का सपना जल्द होगा पूरा, मिल गई 134 एकड़ जमीन
Saral Kisan : पटना के बिहटा में एयरपोर्ट के लिए 134 एकड़ जमीन दी गई है। पहले, एयरपोर्ट अथॉरिटी को जिला प्रशासन ने 126 एकड़ जमीन दी है। बाकी आठ एकड़ को देने का काम अभी चल रहा है। 134 एकड़ जमीन मिलने के साथ ही एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग को बनाने का काम शुरू हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण एजेंसी चुनने का कार्य शुरू हो गया है। जल्द ही भवन बनाने की निविदा निकाली जाएगी।
पिछले छह साल से बिहटा एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद निर्माण शुरू होना चाहिए। भूमि अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी कई बार मिल चुकी हैं। 16 दिसंबर, पिछले वर्ष एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जिला प्रशासन से आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की थी। इसे भी मान्यता दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि टर्मिनल भवन पहले चरण में बनाया जाएगा। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय जल्द ही टेंडर जारी कर सकता है। संस्था का चुनाव होने के बाद निर्माण शुरू होगा।
स्टेट हैंगर के लिए 24 एकड़ जमीन उपलब्ध होगी:
अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार लगभग 24 एकड़ जमीन जिला प्रशासन से प्राप्त करेगी। इसमें राज्य हैंगर बनाया जा सकता है, जहां राज्य सरकार के हेलिकॉप्टर और विमानों को रखा जाएगा। इसके अलावा, आवश्यक आधारभूत संरचना भी बनाई जाएगी। हालाँकि अभी तक आधिकारिक तौर पर वहां क्या बनाया जाएगा का निर्णय नहीं हुआ है।
2017 में प्रकाशित अधिसूचना:
जलाई 2017 में बिहटा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई। 126 एकड़ की जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी जानी थी। भूमि अधिग्रहण के रास्ते में कई बाधाएँ आईं। किसानों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया। पटना के डीएम ने 17 जुलाई 2018 को मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के सचिव को पत्र लिखकर बताया कि एयरपोर्ट के लिए मांगी गई जमीन पर दखल-कब्जा मिल गया है। एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण और कब्जा करने में जिला प्रशासन को लगभग एक साल लग गया, क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण बाधाएं थीं जिसे दूर करने में बहुत मेहनत करनी पड़ी।
पटना एयरपोर्ट प्रशासन ने मांगी गई भूमि में 134 एकड़ जमीन दी गई है, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी रंजन कुमार चौधरी ने बताया। पहली बार 126 एकड़ जमीन दी गई। इसके बाद आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की गई, जिसे स्वीकृति मिल गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी को इसकी जानकारी दी गई है। अब एयरपोर्ट प्रशासन जमीन पर चाहे तो कुछ भी बना सकता है।
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