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Bihar बन जाएगा टेक्सटाइल उद्योग हब, इस जिले में लगाई जाएगी 23 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्री

Bihar News : पटना, भागलपुर के बाद अब गया में 23 एकड़ जमीन चिह्नित कर भूमि स्थानांतरण का प्रस्ताव उद्योग विभाग को सौंपा गया है। कहा जा रहा है कि अब बिहार बनेगा टेक्सटाइल उद्योग का हब.

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Bihar will become textile industry hub, industry will be set up on 23 acres of land in this district

Bihar : बिहार सरकार की नई टेक्सटाइल नीति के तहत इंट्रीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की स्थान होगी. पटना, भागलपुर के बाद अब गया में 23 एकड़ जमीन चिह्नित कर भूमि स्थानांतरण का प्रस्ताव उद्योग विभाग को सौंपा गया है. उद्योग विभाग अब गया के टेक्सटाइल उद्योग को संस्थागत स्वरूप दिए जाने की तैयारी कर रहा. भागलपुर की सिल्क इंडस्ट्री की जगह अब गया के मानपुर में चल रहे टेक्सटाइल उद्योग को वृहत स्वरूप दिए जाने के लिए सरकार उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में अलग से जमीन उपलब्ध कराएगी. इसकी कवायद आरंभ हो गयी है.

23 एकड़ जमीन उद्योग के लिए चिन्हित

उद्योग विभाग के आला अधिकारी ने बताया कि हाल ही में राज्य कैबिनेट ने गया में 23 एकड़ जमीन की व्यवस्था कर उसे बियाडा को उपलब्ध कराया है. तय किया गया है कि उक्त जमीन को वहां काम कर रही टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज को ही दिया जाएगा. इसलिए किस अन्य इंडस्ट्री को गया में ली गयी 23 एकड़ जमीन नहीं दी जाएगी.

टेक्सटाइल क्लस्टर के रूप में विकसित होगा पूरा इलाका

उद्योग विभाग ने तय किया है जो 23 एकड़ जमीन गया में बियाडा को मिली है, उसे पूरी तरह से टेक्सटाइल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा. स्थानीय स्तर पर इस सेक्टर में काम कर रहे उद्यमी को अपनी इकाई के विस्तार के लिए जमीन तो दी ही जाएगी. साथ ही साथ उन्हें काम को वृहत स्वरूप देने के लिए आर्थिक मदद भी दी जाएगी.

टेक्सटाइल पॉलिसी के साथ औद्योगिक प्रोत्साहन नीति का भी लाभ

उद्योग विभाग के संबंधित अधिकारी ने बताया कि गया में टेक्सटाइल के क्षेत्र में काम कर रही, जो कंपनी हैं अगर वे अपनी विस्तार यूनिट बियाडा द्वारा उपलब्ध करायी गयी जमीन पर लगाती हैं, तो उन्हें वह सभी लाभ मिलेंगे, जो टेक्सटाइल पॉलिसी के तहत नयी यूनिटों को दी जानी है. इसके अतिरिक्त उन्हें औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत दिए जाने वाला लाभ भी हासिल होगा.

इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क बनाने का निर्णय

गौरतलब रहे कि दक्षिण बिहार के मैनचेस्टर बुनकर नगरी पटवा टोली में उत्पादित वस्त्र को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क बनाने का निर्णय लिया है. जो एक कलस्टर का भी काम करेगा. सरकार के इस निर्णय से बुनकर समाज में खुशी का माहौल है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक बुनकर ने बताया कि लम्बे समय से बुनकर समाज टेक्सटाइल पार्क की मांग कर रहे है. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण के बाद यहां भी बड़े कारखानों की भांति शर्टिंग-शूटिंग उत्पादित होंगे. बियाडा के तहत नयी इकाई के लिए 436 आवेदन दिया है.

क्या है योजना?

इस योजना का उद्देश बुनकर नगरी पटवा टोली में चल रहे पावरलूम, हैंडलूम सहित टेक्सटाइल उद्योग की पूरे चेन को एक ही स्थान पर स्थापित करना है. इसमें धागा बुनाई से लेकर कपड़े बनाने, प्रिंटिंग मशीन तक का एक स्थान पर लगाकर बड़े पैमाने पर आधुनिक औद्योगिक बुनियादी ढांचा सुविधा विकसित करना है. इससे लॉजिस्टिक लागत भी काम होगी और प्रतिस्पर्धा में गुणात्मक सुधार आएगा. साथ ही रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा. इस बाबत जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि रंगाई के दौरान होने वाले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पार्क सह क्लस्टर का निर्माण कराया जायेगा.

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