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बिहार पुलिस करेगी नई शुरुआत, शिकायतकर्ता को मिलेगी ऑनलाइन हार्ड कॉपी

Bihar Police : बिहार में पहली बार पटना पुलिस ने क्यूआर कोड के जरिए शिकायत लेना शुरू किया है। पुलिस क्यूआर कोड से मिलने वाले फीडबैक का विश्लेषण कर रही है। क्यूआर कोड जारी करने के बाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने वालों के लिए एक और नई शुरुआत करने जा रही है। पीड़ितों को ऑनलाइन रिसीविंग मिलेगी।

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बिहार पुलिस करेगी नई शुरुआत, शिकायतकर्ता को मिलेगी ऑनलाइन हार्ड कॉपी

Kotwali Police Station : बिहार में पहली बार पटना पुलिस ने क्यूआर कोड के जरिए शिकायत लेना शुरू किया है। पुलिस क्यूआर कोड से मिलने वाले फीडबैक का विश्लेषण कर रही है। क्यूआर कोड जारी करने के बाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने वालों के लिए एक और नई शुरुआत करने जा रही है। पीड़ितों को ऑनलाइन रिसीविंग मिलेगी। इससे किसी को यह कहने का मौका नहीं मिलेगा कि पुलिस ने लिखित आवेदन देने के बाद भी रिसीविंग नहीं दी। पुलिस और पीड़ित को हमेशा ऑनलाइन रिसीविंग उपलब्ध रहेगी। पीड़ित के व्हाट्सएप या ईमेल पर ऑनलाइन रिसीविंग भेजी जाएगी या उसका पीडीएफ बनाकर लिंक भेजा जाएगा।

शिकायत दर्ज कराने वालों को पुलिस आवेदन पर हस्ताक्षर करने और थाने की मुहर लगाने के बाद हार्ड कॉपी देती है। कई बार लिखित आवेदन थाने से इधर-उधर हो जाता है, जिससे पुलिस देरी से केस दर्ज करती है। लेकिन ऑनलाइन रिसीविंग देने से अब पुलिस को केस दर्ज न करने का कोई बहाना नहीं मिलेगा। सिटी एसपी सेंट्रल चंद्रप्रकाश ने बताया कि पटना में जल्द ही ऑनलाइन रिसीविंग शुरू होने जा रही है।  इधर, एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि पटना पुलिस से फीडबैक मिलने के बाद पूरे बिहार में क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू की जाएगी।

बीट पुलिसिंग भी होगी ऑनलाइन

पटना पुलिस ने फिर से पूरी ताकत से बीट पुलिसिंग शुरू कर दी है। फिलहाल पूरे जिले में 266 पुलिस बीट बनाए गए हैं। इसके लिए 266 अफसरों की तैनाती की गई है और 266 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुप से करीब 32 हजार लोग जुड़ चुके हैं। आने वाले दिनों में बीट पुलिसिंग भी ऑनलाइन हो जाएगी। नो योर पीपल-नो योर पुलिस अभियान के तहत पुलिस बुजुर्ग या आम लोगों से मिलने जाएगी, उनकी फोटो खींचेगी। फोटो खींचने के बाद उसे वरीय अधिकारियों को ऑनलाइन भेजा जाएगा। साथ ही लोगों द्वारा बताई गई समस्याओं को भी ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि एसडीपीओ, एसपी और एसएसपी को पता चल सके कि किस इलाके में किस तरह की समस्या आ रही है।

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