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Bihar News : पटना में निजी स्कूलों में पढ़ने वालों का भी बनेगा आधार, नामांकन में फर्जीवाड़ा होगा कम

Bihar News : बिहार के इस जिले में निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूल प्रबंधकों द्वारा विद्यार्थियों का पैन नंबर जेनरेट होने के बाद विद्यार्थी का पैन नंबर वही रहेगा। पैन नंबर से स्कूलों के साथ ही स्कूलों में बच्चों के नामांकन में फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।

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Bihar News :  पटना में निजी स्कूलों में पढ़ने वालों का भी बनेगा आधार, नामांकन में फर्जीवाड़ा होगा कम 

Bihar News Education : पटना जिले के सभी निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति सरकारी या गैर सरकारी स्कूल से अपना नाम हटवाए बिना किसी दूसरे स्कूल में नामांकन नहीं ले सकेगा। वहीं, कोई भी विद्यार्थी बिना पैन नंबर के किसी दूसरे स्कूल में नामांकन नहीं ले सकेगा। स्कूलों द्वारा बच्चों को दिया गया पैन नंबर 12वीं कक्षा तक वैध रहेगा। कुछ परिस्थितियों में अगर कोई विद्यार्थी स्कूल बदलता है या दूसरे राज्य में पढ़ने जाता है, तब भी उस विद्यार्थी का पैन नंबर नहीं बदला जाएगा।

बच्चों की पहचान की तरह पैन नंबर

पैन नंबर बच्चों की पहचान की तरह काम करता है। इसमें बच्चे की पूरी जानकारी के साथ ही शैक्षणिक रिपोर्ट भी देखी जा सकेगी।  पैन नंबर के जरिए कोई भी स्कूल यू-डायस पोर्टल पर बच्चे का पैन नंबर दर्ज कर यह देख सकता है कि बच्चा कहां पढ़ रहा है। जिला शिक्षा कार्यालय के डीपीओ श्याम नंदन कुमार ने अपने क्षेत्र के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और निजी स्कूल प्रबंधकों को अगस्त तक यू-डायस पोर्टल पर बच्चों का आधार नंबर अपडेट करने का निर्देश दिया है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन निजी स्कूलों का अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, उनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा की जाएगी।

अगस्त तक यू-डायस पोर्टल पर आधार नंबर अपडेट

जिले में 1045 निजी स्कूल रजिस्टर्ड हैं। सभी स्कूल प्रबंधकों को अगस्त तक यू-डायस पोर्टल पर आधार नंबर अपडेट करने का निर्देश दिया गया है। पटना जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों की तरह अब निजी स्कूलों के छात्रों की पहचान भी शिक्षा विभाग के पास सुरक्षित रहेगी। स्कूल प्रबंधकों की छात्रों तक पहुंच होगी । अब छात्र विवरण के साथ आधार नंबर भी रजिस्टर्ड होगा। छात्रों की पहचान और शैक्षणिक विवरण को बनाए रखने के लिए उनके आधार नंबर के आधार पर पैन (पर्सनल इनरोलमेंट नंबर) जेनरेट किया जाएगा। निजी स्कूलों को दिए गए यू-डैस पोर्टल पर आधार नंबर देने के बाद ही पैन नंबर जेनरेट किया जा सकेगा।

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