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बिहार में अवैध खनन पर सख्त हुई सरकार, सूचना देने वाले को मिलेगा इनाम

Bihar News : बिहार में अवैध खनन व परिवहन में इस्तेमाल ट्रैक्टरों की गोपनीय सूचना देने वालों को 5 हजार रुपये तथा एक या अन्य बड़े वाहनों की सूचना देने वालों को 10 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। अवैध खनन व परिवहन की सूचना देने वालों को इनाम देने की योजना को मंजूरी दे दी गई है।

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बिहार में अवैध खनन पर सख्त हुई सरकार, सूचना देने वाले को मिलेगा इनाम

Bihar Sand Mining : बिहार में अवैध खनन व परिवहन में इस्तेमाल ट्रैक्टरों की गोपनीय सूचना देने वालों को 5 हजार रुपये तथा एक या अन्य बड़े वाहनों की सूचना देने वालों को 10 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। कैबिनेट ने बालू, गिट्टी व अन्य लघु खनिजों के अवैध खनन व परिवहन की सूचना देने वालों को इनाम देने की योजना को मंजूरी दे दी गई है।

उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अवैध खनन व परिवहन की सूचना विभाग द्वारा जारी दो मोबाइल नंबर 9473191437 व 9939596554 पर दी जाए। खनन वाहनों की पहचान के लिए उन पर 20 इंच चौड़ी लाल पट्टी बनाई जा रही है, जिस पर वाहन नंबर व खनन विभाग का रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित रहेगा। यह प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। 

अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जब्त बालू की नीलामी की जाएगी।  बालू की ऑनलाइन बिक्री के लिए 2 महीने में 'बालू मित्र' वेब पोर्टल लांच किया जाएगा। इसके जरिए पूरे राज्य में उपभोक्ताओं को एक ही मानक मूल्य पर बालू की आपूर्ति की जा सकेगी।

सड़कों पर वाहनों के लिए गति सीमा तय होगी

राज्य की सड़कों पर वाहनों के लिए गति सीमा तय होगी। इसकी जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी गई है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। परिवहन विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और जिला सड़कों पर वाहनों की गति सीमा निर्धारित करेगा। इसके लिए सरकार ने अलग से कमेटी बनाने को भी मंजूरी दे दी है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इसके तहत अटल पथ, गंगा पथ जैसी अति व्यस्त सड़कों पर वाहनों की गति निर्धारित की जाएगी।

एक अन्य फैसला 

एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने हर घर नल जल योजना के तहत जलापूर्ति करने वाली सभी पंचायतों की योजनाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी पीएचईडी को सौंप दी है। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा निर्मित 58003 वार्डों की 70157 योजनाओं के संचालन, मरम्मत और रखरखाव पर प्रति यूनिट 1.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।  इनके रखरखाव पर पांच साल तक कुल 3611 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
 

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