नोएडा में छोटे साइज के प्लॉट पर भी बनेंगे बड़े घर, यमुना अथॉरिटी ने सुनाई खुशखबरी
यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अपने बिल्डिंग बायलॉज में कई तरह के बदलाव किए हैं। इसके तहत मकान हो या फ्लैट दोनों में ही बालकनी के लिए मौजूदा एफएआर से अतिरिक्त एरिया दिया जाएगा। इससे जमीन खरीदकर मकान बनाने वालों और फ्लैट खरीदने वालों को फायदा होगा।
Saral Kisan : यमुना अथॉरिटी अपने बिल्डिंग बायलॉज में कई तरह के बदलाव करने जा रही है। इससे यमुना अथॉरिटी एरिया में जमीन पर मकान बनाने वाले और सोसायटी में फ्लैट खरीदने वाले दोनों को फायदा होगा। सबसे बड़ा बदलाव रेजिडेंशल एरिया के एफएआर (एफएआर) को लेकर होने जा रहा है। इसके तहत मकान हो या फ्लैट दोनों में ही बालकनी के लिए मौजूदा एफएआर से अतिरिक्त एरिया दिया जाएगा।
इसके चलते मकान का कवर्ड एरिया बढ़ सकेगा और अभी के मुकाबले उतनी ही जमीन पर बड़ा मकान बन सकेगा। यमुना अथॉरिटी ने अपने बिल्डिंग बायलॉज का यह प्रस्ताव पिछले दिनों तैयार किया था, जिसके बोर्ड से अप्रूव कराने के बाद शासन स्तर पर भेज दिया गया था। उम्मीद की जा रही है अगले महीने ही शासन से इसे लेकर गजट नेटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) किसी बिल्डिंग के फ्लोर एरिया और प्लॉट के एरिया का अनुपात होता है। इस समय यमुना अथॉरिटी एरिया में मकान बनाने के लिए 2.75 के अनुपात से एफएआर मिलता है, जिसमें बालकनी बनाने का एरिया भी शामिल होता है।
अथॉरिटी अपने बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव के तहत बालकनी का एरिया एफएआर से अलग करने जा रही है। अभी जितनी जमीन पर बालकनी के साथ कवर्ड एरिया रख सकते हैं। इस बदलाव के साथ बालकनी इस कवर्ड एरिया से अतिरिक्त एरिया में बन सकेगी और घर का कवर्ड एरिया इससे बढ़ जाएगा। इसका मतलब अभी की अपेक्षा बड़े कमरे बनवा सकेंगे।
बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव होने से इसका लाभ फ्लैट लेने वाले और जमीन पर मकान बनाने वाले दोनों को मिल सकेगा। अभी स्थिति यह है कि कोई 1000 स्क्वायर फुट का फ्लैट लेता है तो बालकनी, कमरे आदि सब मिलाकर करीब 650 से 750 स्क्वायर फुट का कवर्ड एरिया उसे मिलता है। इस बदलाव के यह कवर्ड एरिया करीब 850 स्क्वायर फुट तक मिल सकेगा। इससे घर का साइज थोड़ा बड़ा लगेगा।
अभी जमीन पर मकान बनाने के लिए 80 वर्गमीटर एरिया में एक कवर्ड पार्किंग रखना अनिवार्य है। नए बायलॉज में यह 100 वर्गमीटर होने जा रहा है। यानि यदि आप 100 वर्गमीटर या उससे अधिक जमीन पर मकान बनाते हैं एक कार पार्किंग स्पेस बनाना अनिवार्य होगा, जिसे बेसमेंट में भी बना सकते हैं और स्टिल्ट पार्किंग (ग्राउंड फ्लोर) भी बना सकते हैं। यदि 200 वर्गमीटर पर मकान बनाते हैं दो कार पार्किंग स्पेस बनाना अनिवार्य होगा।
नए बिल्डिंग बायलॉज के तहत यदि 100 वर्गमीटर जमीन पर मकान बनाते हैं तो पार्किंग स्पेस के साथ ही आपको घर पर ही ईवी चार्जिंग पॉइंट लगाने की अनुमति भी मिल जाएगी। यानि भविष्य में जब आप इलेक्ट्रिक वीकल लेंगे तो घर पर ही उसे चार्ज कर सकते हैं। बाहर चार्जिंग स्टेशन पर जाकर समय नहीं खराब करना पड़ेगा।
इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग की इंडस्ट्री लगाने पर अभी 1.3 के अनुपात से एफएआर मिलता है। नए बिल्डिंग बायलॉज में इसे 3 कर दिया जाएगा। इसके चलते इस कैटिगरी की इंडस्ट्री का कवर्ड एरिया बढ़ सकेगा।
इसके अलावा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक हब में 60-70 प्रतिशत एरिया को ग्राउंड फ्लोर पर कवर किया जा सकेगा। इनमें ग्राउंड फ्लोर का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इन्हें मल्टीस्टोरी नहीं बनाया जाता है, इसलिए इनका एफएआर प्रतिशत बढ़ेगा।
2.75 के अनुपात का एफएआर जिले की तीनों अथॉरिटी में लागू है। फिलहाल यमुना अथॉरिटी की ओर से यह प्रस्ताव शासन को गया है। मंजूरी होने के बाद तीनों ही अथॉरिटी में इसके लागू होने की उम्मीद है।
शासन की मंशा भी यही है कि तीनों अथॉरिटी में लोगों को एक जैसी पॉलिसी मिले और बिल्डिंग बायलॉज सीधे पब्लिक से जुड़ा मसला है। हालांकि, शासन का गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा।
यमुना अथॉरिटी ने अपने बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव के लिए बोर्ड से अप्रूवल के बाद शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा था। जल्द ही इसमें शासन स्तर से मंजूरी होने की उम्मीद है। मंजूरी होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा - अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना अथॉरिटी
बिल्डिंग बायलॉज में यह बदलाव मिडल क्लास और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। जिससे छोटे साइज के प्लॉट खरीदने वाले लोग भी घर में थोड़े बड़े कमरे बना सकें। इसके अलावा बिल्डर प्रॉजेक्ट में भी फ्लैट थोड़े बड़े बन सके। साथ ही, ईवी चार्जिंग और पार्किंग के नियमों बदलाव किया गया है, जिससे कि कवर्ड एरिया बढ़ सके।
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