home page

Delhi की इन कॉलोनियों में लाखों संपत्तियों पर बड़ा संकट, यहां प्रोपर्टी खरीदने से पहले जाने ले ये चीजें

Delhi RERA rules : ये खबर आपके लिए अहम है अगर आप दिल्ली की कॉलोनियों में फ्लैट या घर खरीदने की सोच रहे हैं। दिल्ली की कॉलोनियों में बिल्डरों ने अच्छी तरह से प्लोट बेचे और लोगों ने पांच से छह मंजिल के फ्लैट बनाए। लेकिन इन लाखों संपत्ति अब खतरे में हैं। खबर में विस्तार से पढ़ें..।

 | 
Big crisis for lakhs of properties in these colonies of Delhi, know these things before buying property here

Delhi RERA rules : दिल्ली में 50 वर्ग मीटर की इमारत का दायरा सीमित करने वाले आदेश से सैकड़ों कच्ची कॉलोनियां सबसे अधिक प्रभावित होंगी। नए नियम से इन कॉलोनियों में मौजूद लाखों संपत्ति खतरे में हैं।

ऐसे में इन संपत्ति की खरीद-फरोख्त अब मुश्किल होती दिखती है। दिल्ली में १६०० से अधिक कॉलोनियां कच्ची कॉलोनियों की श्रेणी में हैं। इनमें से ज्यादातर को नोटिफिकेशन जारी कर पास भी कर दिया गया था।

इसके बाद से यहां पीएम उदय योजना के तहत रजिस्ट्रियां भी शुरू हो गई थीं। यही कारण है कि इन इलाकों में बिल्डरों के साथ-साथ आम लोगों ने भी धड़ल्ले से पांच से छह मंजिल फ्लैट बनाए। बड़ी संख्या में लोगों ने यहां प्रॉपर्टी भी खरीदी, लेकिन अब रेरा के नए नियम से लाखों संपत्तियों पर संकट के बादल छा गए हैं।

अमान्य हो गई तीन से ऊपर की मंजिल : इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और भवनों के नक्शे भी पास नहीं है। इन इलाकों में बिल्डर की ओर से प्लॉट पर आमतौर पर पार्किंग और चार मंजिलें बनाई गई हैं, लेकिन अब 50 मीटर तक के प्लॉट पर केवल तीन मंजिलों को वैधता प्रदान की गई है। ऐसे में इन प्लॉट पर बनी चौथी मंजिल यूं भी पूरी तरह से अमान्य हो जाती है।

लोन मिलने में होगी दिक्कत : इन कॉलोनियों में स्थित संपत्तियों को यूं भी बैंक लोन मिलने में दिक्कत होती है, लेकिन कुछ वित्तीय कंपनियां यहां पर मौजूद संपत्तियों पर भी लोन देती हैं। एक वित्तीय कंपनी से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि 50 मीटर तक के प्लॉट की चौथी मंजिल अमान्य घोषित हो गई है, इसलिए अब यहां पर किसी भी तरह का लोन नहीं दिया जाएगा। पहले से जारी लोन का क्या होगा, इसके बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

प्रोजेक्ट पर नहीं पड़ेगा कोई असर डीडीए

डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेरा के आदेश से डीडीए के किसी प्रोजेक्ट पर असर नहीं पड़ेगा। डीडीए की तरफ से निर्धारित किए गए मास्टर प्लान 2021 और भवन निर्माण के नियमों का रेरा अनुपालन करता है।

नियमों के तहत ही रेरा के अधीन संचालित होने वाले रजिस्ट्री कार्यालयों पर संपत्ति की रजिस्ट्री सुनिश्चित की जाती है। उधर, नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में ऐसा देखा गया है कि विभिन्न जगहों पर कई लोग भवन निर्माण का उल्लंघन करते हुए एक निर्धारित क्षेत्र में चार मंजिल से भी अधिक मकान बना लेते हैं। इन पर समय-समय पर कार्रवाई भी होती है।


पूर्वी दिल्ली जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के अंदर संचालित रजिस्ट्री कार्यालयों के अंदर बुधवार को भीड़ काफी कम थी। कार्यालय संख्या आठ-ए में दोपहर के वक्त तक कोई भी रजिस्ट्री कराने के लिए नहीं पहुंचा। कार्यालय में तैनात कर्मचारियों ने बताया कि रेरा के नए आदेश के चलते रजिस्ट्री थम गई हैं। कार्यालय संख्या आठ में आठ-दस लोग ही मौजूद थे।

क्या है पूरा मामला

रेरा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में नियमों के खिलाफ जाकर छोटे प्लॉट पर तय संख्या से ज्यादा फ्लैट का निर्माण हो रहा है। रेरा के मुताबिक, 200 गज के प्लॉट पर 20-20 फ्लैट तैयार किए जा रहे हैं। इसे लेकर रेरा ने सभी निकायों व राजस्व विभाग को निर्देश दिया था कि वह इस तरह के फ्लैट की रजिस्ट्री ना करें।

उसके बाद से बीते सोमवार से दिल्ली के 29 सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री बंद की गई है। रेरा के आदेश के बाद संपत्ति की खरीद-फरोख्त का पंजीकरण करने वाले सब रजिस्ट्रार कार्यालयों की रौनक कम हो गई है। अब लोगों में इसको लेकर चिंता बढ़ गई है। 

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के इन 2 जिलों तक बिछेगा 2600 किमी हाईवे का जाल, ये 13 जिलों का बिज़नेस होगा बूस्ट

Latest News

Featured

You May Like