उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेंगे बड़े हवाई जहाज, विदेशी कंपनियां लगाएगी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
एक हजार एकड़ भूमि पर हवाई जहाज बनाने की इकाइयां बनाई जाएंगी, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट होंगी। बाद में जहाजों को यहां बनाया जाएगा और विमानों को विदेशों में भी मरम्मत की जाएगी।
UP News : उत्तर प्रदेश हवाई जहाज बनाने के लिए एक गढ़ होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (नायल), जो जेवर में बन रहा है, इसी महीने एक हजार एकड़ भूमि पर एक परियोजना लाने की योजना बना रहा है। विमानों के कलपुर्जों के अलावा यहां असेंबलिंग और उत्पादन इकाइयां बनाई जाएंगी। इसके लिए अमेरिका सहित कई विदेशी कंपनियां भी अपनी शाखाएं बनाने के लिए उत्सुक हैं।
एविएशन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने से भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के विमानों को भी मरम्मत करने की सुविधा मिलेगी। भारत अभी भी विमानों को बाहर मरम्मत करना है। पीडब्ल्यूसी को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एविएशन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को विकसित करने का काम सौंप दिया गया है। लेआउट मिलते ही नायल बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें स्कीम को लागू करने का फैसला किया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे फेज में 1,365 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। इसे मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवरहॉल (एमआरओ) व एविएशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नायल ने एविएशन हब बनाने का निर्णय लिया है।
एक हजार एकड़ के एविएशन पार्क में 5-5 एकड़ की यूनिट लगेंगी, जबकि एंकर यूनिट के लिए कुछ बड़े साइज वाली जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए जल्द ही एविएशन मैन्युफैक्चरिंग स्कीम लाई जाएगी, जिसमें हवाई जहाज की असेंबलिंग, इंजन, नोजल व अन्य इक्विपमेंट्स बनाने वाली कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित करेंगी। कई कंपनियों के साथ अमेरिकी दूतावास के जरिये बातचीत हो चुकी है।
अरुणवीर सिंह ने बताया कि यूपी कैबिनेट ने हाल ही में एफडीआई पॉलिसी जारी की है। इसके तहत विदेशी कंपनियों को 75 फीसदी जमीन सब्सिडी दी जाएगी। 100 करोड़ रुपये तक कैपिटल सब्सिडी, 10 साल तक 100 फीसदी स्टेट जीएसटी की वापसी, लोगों की ट्रेनिंग व स्किल अपग्रेडेशन पर सरकार 500 लोगों के लिए 5 हजार रुपये सात साल तक देगी। बाहर के देशों से उपकरण लाने पर कस्टम में छूट दी जाएगी।