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उत्तर प्रदेश में मुफ़्त राशन की कालाबाजारी पर बड़ा एक्शन, कई अधिकारी हुए निलंबित

UP News : उत्तर प्रदेश में मुक्त राशन वितरण में गड़बड़ी के मामले में योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। आम जनता की हकों पर डाका डालने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। 

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उत्तर प्रदेश में मुफ़्त राशन की कालाबाजारी पर बड़ा एक्शन, कई अधिकारी हुए निलंबित

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में राशन की कालाबाजारी करने वाले अधिकारियों पर योगी सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में मुफ्त राशन का दूरप्रयोग करने के मामले में योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई क़ी है। राशन की कालाबाजारी के मामले में जनपद के वीर पर निरीक्षक और ठेकेदार सुमित साथ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

शासन द्वारा की गई विभागीय कार्रवाई में विपणन निरीक्षक, पूर्ति निरीक्षक तथा जिला खाद्य विपणन अधिकारी को निलम्बित कर दिया गया हैं। जिलापूर्ति अधिकारी, बुलन्दशहर को भी शासन द्वारा निलम्बित कर दिया गया हैं। राशन की कालाबाजारी के मामले कई अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों बड़ी कार्रवाई हुई हैं।

खाद्यान्न के कालाबाजारी और दुरुपयोग  

खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त सौरभ बाबू ने बताया कि बुलन्दशहर के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने राशन की कालाबाजारी की शिकायत की जांच की। समिति की जांच में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सरकारी खाद्यान्न के कालाबाजारी और दुरुपयोग का पता चला. यह सब सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था में हुआ था। हैण्डलिंग परिवहन ठेकेदार रविन्द्र सिंह, सुधीर कुमार, विपणन निरीक्षक बुलन्दशहर, अंकुर सिंह, शिवकुमार उर्फ शिब्बु लेबर मेट, वकील खां, पिंकी और पवन को सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी, दुर्विनियोजन और दुरूपयोग करने के लिए अभियोग पंजीकृत कराया गया है. आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा 3/7 सहित अन्य संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया गया है।

तीन सदस्य जांच जांच कमेटी

बता दे की तीन सदस्य जांच जांच कमेटी ने मौके पर जाकर छापेमारी की तो पाया की सिंगल स्टेज डॉल स्टेप डिलीवरी व्यवस्था संबंधित  शासन के आदेश को नहीं माना गया है। उनका कहना था कि मामले की जांच करने के लिए मुख्यालय से एक तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी, जिसका अध्यक्ष अपर आयुक्त (स्थापना) था। समिति ने मौके पर जाकर देखा कि संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, परिवहन ठेकेदार आदि ने एक स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था सम्बन्धी शासनादेश तथा अन्य संबन्धित निर्देशों के सुसंगत प्राविधानों का पालन नहीं किया है और पर्यवेक्षणीय कर्तव्यों को नहीं निभाया है। 

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