home page

Beer : लगभग लोग नहीं जानते भूरे रंग की क्यों होती है बीयर की बोतल

Why Beer Bottles Are Of Brown Colour : बहुत से लोग बीयर पीना पसंद करते हैं और बीयर पीने के फायदे भी गिनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीयर की बोतलें हरे और भूरे रंग की ही क्यों होती हैं। आइए नीचे खबर में जानते हैं...

 | 
Beer: Almost people do not know why the beer bottle is brown in colour.

Saral Kisan : एल्कोहल का सेवन करने के अलग-अलग तरीके हैं। जिनमें से बीयर भी एक है। हालांकि, शराब की बोतल के मुकाबले बीयर में एल्कोहल की मात्रा कम होती है। बहुत से लोग सिर्फ बीयर तक ही सीमा तय करके रखते हैं। अब क्या है कि पीने वालों के लिए तो यह मजेदार चीज हैं, लेकिन नहीं पीने वाले लोगों के लिए बुरी। देश में बीयर की काफी डिमांड रहती है, तभी तो देश में इसका कारोबार काफी अच्छी तरह फल-फूल रहा है।

यहां तक कि कुछ लोग तो बीयर पीने के फायदे औरों को गिनाते फिरते हैं. भले ही आप बीयर पीते हों या ना पीते हों पर आपने बीयर की बोतल (Beer Bottle) तो जरूर देखी होगी. मार्केट में अलग अलग ब्रांड की बीयर आती हैं. अगर आपने गौर किया हो तो ये सभी बोतलें या तो हरे रंग की होती हैं या फिर भूरे रंग की होती हैं. कभी सोचा है बीयर की बॉटल सिर्फ इन्ही दो रंगों की क्यों बनाई जाती हैं...?

अब बहुत लोग यह सोचेंगे कि अरे भई! रंग से क्या लेना-देना, मतलब तो बस बोतल के अंदर भरी बीयर से है. अब बोतल का रंग काला रहे या पीला या फिर नीला, उससे क्या ही लेना देना है. लेकिन, इन बोतलों का रंग ऐसा होने के पीछे एक बड़ी वजह होती हैं. क्योंकि अगर इनका रंग ऐसा न रखा जाए तो शायद आप इसे पी भी ना पाएं. बताया जाता है कि इंसान बीयर का इस्तेमाल प्राचीन मेसोपोटामिया की सुमेरियन सभ्यता के समय से ही करते आ रहे हैं।

पहले इस रंग की होती थी

ऐसा माना जाता है कि हजारों साल पहले प्राचीन मिस्र में बीयर की पहली कंपनी खुली थी. चूंकि उस समय बीयर की पैकिंग ट्रांसपेरेंट बोतल में की जाती थी तो पाया गया कि सफेद बोतल में होने की वजह से सूर्य की किरणों से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें (UV Rays) बीयर में मौजूद एसिड को खराब कर रही हैं. जिस वजह से बीयर में बदबू आने लगती थी और लोग उसे पीते नहीं थे।

भूरे रंग पर सूरज की किरणों का नहीं हुआ असर

तब बीयर निर्माताओं ने इस समस्या का हल ढूंढते हुए बीयर के लिए भूरे रंग की परत चढ़ी बोतलें चुनी. इस रंग की बोतलों में बीयर खराब नहीं हुई, क्योंकि भूरे रंग की बोतलों पर सूरज की किरणों का असर नहीं हुआ. यही कारण है कि क्लोरोफॉर्म (बेहोश करने वाला केमिकल) को भी भूरे रंग की शीशी में ही रखा जाता है, क्योंकि यह सूरज की किरणों से रिएक्शन कर लेती हैं. लेकिन, भूरे रंग की शीशी में रखने पर सूरज की किरणों का इसपर असर ही नहीं होता।

हरा रंग क्यों इस्तेमाल किया गया?

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बीयर की बोतल हरे रंग में रंगी. दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भूरे रंग की बोतलों का अकाल पड़ गया था. ऐसे में बीयर निर्माताओं को फिर से एक ऐसा रंग चुनना था, जिस पर सूरज की किरणों का बुरा असर ना पड़े. तब यह काम हरे रंग ने किया और इसके बाद से बीयर हरे रंग की बोतलों में भी भरकर आने लगी।

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के 85 गांवों की जगह पर बसाया जाएगा ये नया शहर, पहले चरण में 3 हजार हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण

Latest News

Featured

You May Like