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वाराणसी के इन गांवों में जमीन खरीद-बिक्री की रोक हटी

UP News : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रस्तावित फोरलेन हाईवे के लिए वर्ष 2022 में पांच गांवों की जमीन खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। गंगापार फोरलेन सड़क वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में सरलता से दर्शन हो सके इसलिए योजना बनी थी. उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के गांव के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है

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वाराणसी के इन गांवों में जमीन खरीद-बिक्री की रोक हटी

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश में गंगा पार फोरलेन सड़क के लिए पांच गांव की जमीन की खरीद बिक्री पर साल 2022 में रोक लगा दी गई थी. वाराणसी के चार गांवों में बाद में जमीन खरीदने और बेचने पर लगी रोक को हटा लिया गया था. जानकारी के लिए बता दें कि कटेसर गांव 5 गांवो के ठीक बीच चंदौली जनपद का गांव है. गंगापार प्रस्तावित फोरलेन के लिए कटेसर गांव में भी जमीन खरीदने और बेचने पर रोक लगी थी। अब चंदौली जनपद के इस कटेसर गांव में भी जमीन खरीद बिक्री की रोक को हटा लिया गया है. अब यहां जमीनों की खरीद-बिक्री हो सकेगी। 

गंगा पार फोरलेन सड़क योजना 

यह फोरलेन सड़क योजना श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन श्रद्धालुओं को सुगमता के साथ हो जाए इसके लिए बनाई गई थी. बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है. यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है. यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर मौजूद है. यह 12 ज्योतिर्लिंगस में से एक है, जो शिव मेटल में सबसे पवित्र है. यहां पर पर्यटन की दृष्टि से कई अन्य सुविधाएं भी विकसित की जानी थी. 

गांवों में जमीन का अधिग्रहण 

इस गंगापार फोरलेन सड़क योजना के लिए डोमरी, सूजाबाद, कटेसर, कोदोपुर और रामनगर गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना था. चंदौली और वाराणसी के जिला अधिकारियों की तरफ से जमीनों को खरीदने और बेचने को लेकर इन पांच गांवों में रोक लगा दी थी. इसमें कटेसर गांव चंदौली जनपद में पांच गांवों के बीच मौजूद है. लेकिन यह परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी थी. बाद में वाराणसी के चार गांव में परियोजना शुरू न होने की वजह से जमीनों की खरीद बिक्री पर रोक हटा दी गई थी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पोर्टल पर शिकायत के बाद जमीन की खरीद बिक्री पर रोक हटी 

अगर प्रस्तावित फोरलेन पर राजघाट की ओर चलें तो पहले सूजाबाद और डोमरी पड़ेंगे, फिर कटेसर गाँव आता हैं। फिर रामनगर और कोदोपुर ग्रामसभा है। फोरलेन के प्रारंभिक और अंतिम दो गांवों पर से अब रोक हट गई। बीच के कटेसर में रोक की वजह बहुत अजीब थी। इस मामले में अधिवक्ता गौतम ङ्क्षसह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पोर्टल पर शिकायत की. इसके बाद, चंदौली के डीएम ने पीडब्ल्यूडी से अधीक्षण अभियंता को रिपोर्ट देकर कहा कि परियोजना के तहत कोई काम नहीं हुआ है और वाराणसी के अंतर्गत आने वाले गांवों में जमीन की खरीद बिक्री पर कोई रोक नहीं है, इसलिए कटेसर गांव में जमीन की खरीद बिक्री पर रोक औचित्य नहीं है। इसलिए अब कटेसर गांव में जमीन की खरीद बिक्री पर रोक हटा दी गई हैं। 

क्या-क्या होनी थी सुविधा 

इस फोरलेन परियोजना के अंतर्गत 27.02 हेक्टेयर जमीन का होना था. इस फोरलेन परियोजना के अंतर्गत गंगापार पर गंगा पर तीन ङ्क्षफगर एवं जेटी निर्माण, पांच हेलीपैड, किड्स प्ले जॉन, योगा सेंटर, ग्रीन पार्क, 3 पार्किंग, सर्विस रोड और धाम तक पेडेस्ट्रियल स्पेस ब्रिज का निर्माण किया जाना था.

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