MP में एंबुलेंस सेवा हुई एडवांस, माइनर ऑपरेशन की सुविधा भी मिलेगी, 18 मिनट में पहुंचेगी
MP News : मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब प्रदेश में आपको 30 मिनट की बजाय एंबुलेंस 18 मिनट में आप तक पहुंचेगी। आप एंबुलेंस को व्हाट्सएप मैसेज के जरिए भी बुक कर सकते हैं. आम जनता की सहूलियत के लिए सरकार ने 108 सिटिजन एप भी लॉन्च किया है.
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश में अब 108 एंबुलेंस अब 18 मिनट में ही आप तक पहुंचेगी। अभी तक इसका औसत रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट है। दरअसल, 108 सिटीजन में एक ऐप लॉन्च किया गया है, जिसके जरिए एंबुलेंस की लाइव लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा। इसके अलावा एंबुलेंस वाहनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
व्हाट्सएप मैसेज के जरिए भी आएगी एंबुलेंस
एक खास बात यह है कि अब एंबुलेंस को व्हाट्सएप मैसेज के जरिए भी नहीं बुलाया जा सकेगा। अभी तक यह सेवा टोल फ्री नंबर 108 पर कॉल करके मिलती थी। 108 सिटीजन ऐप पर आप पिकअप की लोकेशन (मरीज की मौजूदा लोकेशन) और जिस अस्पताल में जाना चाहते हैं, उसे डालकर एंबुलेंस बुक कर सकेंगे। इस सुविधा के तहत 108 सिटीजन ऐप के जरिए एंबुलेंस के साथ-साथ नजदीकी अस्पताल की जानकारी भी ले सकते हैं। इस ऐप में ब्लड बैंक की जानकारी भी जोड़ी जा रही है। संजीवनी एंबुलेंस के साथ-साथ जननी एक्सप्रेस को भी ऐप के जरिए बुलाया जा सकेगा।
लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ ICU ऑन व्हील्स
किसी दुर्घटना या सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के अधिक गंभीर होने पर एंबुलेंस में ही छोटे-मोटे ऑपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। जानकारी के अनुसार एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में मरीजों को 'ICU ऑन व्हील्स' की सुविधा मिलेगी।
घायलों और बीमारों को मिलेगी त्वरित और बेहतर मदद
अब 108 एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम पहले से काफी बेहतर होगा। यह एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं, सड़क दुर्घटना पीड़ितों, विभिन्न दुर्घटनाओं में घायलों, निराश्रित मरीजों और बुजुर्गों के लिए निशुल्क रहेगी। साथ ही ऐप के जरिए घायलों और बीमारों को बेहतर और त्वरित मदद के विकल्प जोड़े जा रहे हैं।
108 एंबुलेंस की तर्ज पर शव वाहन का संचालन
एम्बुलेंस 108 की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश सरकार शव वाहन का भी संचालन करेगी। इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। यह सेवा निशुल्क रहेगी। इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।अभी लोगों को शव को गांव या दूरदराज के स्थान पर ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।