home page

Ajab gajab : अजीबोगरीब पेड़, जो वर्ष भर में चल कर पहुंच जाता है इतनी दूर, कहा जाता हैं Walking tree

ये अजीब पेड़ इक्वाडोर में पाए जाते हैं और वर्ष में कई मीटर तक बढ़ते हैं। वैज्ञानिक नाम Socratea exorrhiza इसे वॉकिंग पाम ट्री भी कहते हैं। ये पेड़ दक्षिण अमेरिका में बढ़ते हैं। इन पेड़ों को इक्वाडोर की राजधानी क्वेटो से 100 किलोमीटर की दूरी पर सुमैको बायोस्फियर रिज़र्व में पाया जाता है।
 | 
Ajab gajab: A strange tree, which reaches so far by walking throughout the year, is called Walking tree.

Saral Kisan : आपने कुदरत के ऐसे कई अजूबे देखा और सुना होगा, जिन पर विश्वास करना कठिन है। चलने वाले पेड़ कुछ ऐसे ही हैं। हाँ, आपने सही सुन लिया। हम आज आपको ऐसे ही पेड़ों के बारे में बताएंगे जो अपने स्थान से दूर हैं। अब तक आपने कीड़े-मकोड़ों को दबोचने और शरमाने वाले पेड़ों के बारे में सुना होगा, लेकिन एक ऐसा भी पेड़ है जो अपनी जगह से नहीं चला जाता।

ये अजीब पेड़ इक्वाडोर में पाए जाते हैं और वर्ष में कई मीटर तक बढ़ते हैं। वैज्ञानिक नाम Socratea exorrhiza इसे वॉकिंग पाम ट्री भी कहते हैं। ये पेड़ दक्षिण अमेरिका में बढ़ते हैं। इन पेड़ों को इक्वाडोर की राजधानी क्वेटो से 100 किलोमीटर की दूरी पर सुमैको बायोस्फियर रिज़र्व में पाया जाता है।

चलने वाले पेड़ हैं ये

बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो वॉकिंग पाम ट्री साल भर में 20 मीटर तक चल सकता है और रोज़ाना ये 2 सेंटीमीटर तक आगे चले जाते हैं. .ये पेड़ इंसानों की तरह तो नहीं चलते हैं लेकिन एक खास प्रक्रिया इन्हें वॉकिंग ट्री बनाती है. दरअसल इस पेड़ की जड़ें बेहद खास हैं. इन पेड़ों में ज्यादातर एक ही तना होता है और इसकी नई जड़ें आते ही ये पेड़ थोड़ा आगे खिसक जाता है. इस प्रक्रिया में इसकी जड़ें ज़मीन से कुछ फीट ऊपर की ओर उभरी हुई दिखाई देती हैं. ये पेड़ के पैरों की तरह लगती हैं.

वैज्ञानिकों में नहीं है एकमत

चूंकि ये बेहद अजीब प्रक्रिया है, ऐसे में पेड़ के चलने को लेकर वैज्ञानिकों के बीच भी डिबेट ही रही है. Slovak Academy of Sciences Bratisla के बायोलॉजिस्ट पीटर व्रसांस्की ने दावा किया था कि उन्होंने पेड़ की आगे बढ़ने की विचित्र गतिविधि को देखा है. मिट्टी के क्षरण की स्थिति में पेड़ की लंबी और नई जड़ें आती हैं और वो नई मजबूत ज़मीन ढूंढती हैं. नई जड़ पकड़ने के साथ ही पुरानी जड़ें ऊपर उठ जाती हैं और पेड़ कई बार 20 मीटर तक आगे खिसक जाता है. हालांकि तमाम वैज्ञानिक पेड़ के चलने को सिर्फ मिथक कहकर नकारते हैं.

ये पढ़ें : Jet Airways :भारत की सबसे बड़ी एयरलांइस के मालिक की इस गलती से हुआ अंत

Latest News

Featured

You May Like