Alcohol : शराब पीने के आंकड़ो में देश के इस राज्य की महिलाएं हैं सबसे आगे
Alcohol : गुजरात में सात दशक से शराब बेचने और पीने की मनाही है। गुजरात, बिहार, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, मिजोरम और नगालैंड में भी शराब बेचना और पीना गैरकानूनी है। मणिपुर के कुछ जिलों में भी कुछ इसी तरह के कानून हैं।
बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 से शराब बेचने और पीने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई। बिहार हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने 30 सितंबर 2016 को अपने आदेश में इस कानून के विरोध में फैसला सुनाया। एक साल बाद केरल में सरकारी शराब दुकानों का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। 2017 में हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को शराब पीने का अधिकार राइट टु प्राइवेसी का हिस्सा हो सकता है, पर इस दलील के आधार पर सरकार को इस पर पाबंदी लगाने के अधिकार से नहीं रोका जा सकता।
यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि क्या पीना है और क्या खाना है, यह संविधान के आर्टिकल 21 के तहत उसका अधिकार है। यह जीने और व्यक्तिगत आजादी से जुड़ा अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के 2017 के फैसले में राइट टु प्राइवेसी को इससे जोड़ा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर नागरिकों को किसी अधिकार से वंचित किया जा रहा है, तो उसका आधार मजबूत होना चाहिए। उसमें समाज और देश की भलाई का विचार होना चाहिए।
किस राज्य में शराब पीने की कानूनी उम्र क्या है ?
राजस्थान, हिमाचल, आंध्र प्रदेश, गोवा, सिक्किम, पुडुचेरी में 18 साल शराब पीने की उम्र है।
केरल में 23 साल, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में 25 साल है। इसके अलावा अन्य सभी राज्यों में 21 साल शराब पीने पी कानूनी उम्र है।
भारत में 66.3 करोड़ लीटर की हर साल खपत है।
11 परसेंट भारतीयों को रोज पीने की लत, 16 परसेंट ग्लोबल एवरेज।
दक्षिण भारत के 5 राज्यों में 45 परसेंट हिस्सेदारी है।
88 परसेंट भारतीय 25 साल से कम उम्र में शराब पीना शुरु कर रहे हैं।
महिलाएं शराब पीने में पुरुषों से आगे
देश के एक सर्वे से खुलासा हुआ है कि महिलाएं शराब पीने के मामले में पुरुषों से पीछे नहीं बल्कि आगे हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 22 प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले सिर्फ एक प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं। इसके अलावा 15-49 वर्ष आयु वर्ग के 39 प्रतिशत पुरुष और चार प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी प्रकार के तंबाकू का सेवन करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक शराब पीने वाली महिलाओं में 17 प्रतिशत लगभग रोज मदिरापान करती हैं जबकि 37 प्रतिशत हफ्ते में एक बार। शराब पीने वाले पुरुषों की बात करें तो 15 प्रतिशत रोजाना शराब पीते हैं, 43 प्रतिशत लोग हफ्ते में एक बार और 42 प्रतिशत लोग हफ्ते में एक बार से भी कम शराब पीते हैं।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के मुताबिक शराब पीने के मामले में अरुणाचल प्रदेश की महिलाएं सबसे आगे हैं। वहीं यूपी,एमपी को पीछे छोड़ते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की महिलाएं शराब पीने के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने शराब पीने के मामले में यूपी और मध्य प्रदेश की महिलाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। इस सर्वे की मानें तो राज्य की पांच फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। वहीं देश के दूसरे राज्यों की बात करें झारखंड में 6.1 फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती ।हैं ये आंकड़ा काफी बड़ा है। सिर्फ इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ की महिलाएं तंबाकू के सेवन के मामले में भी दोनों राज्यों से काफी आगे हैं। यहां 17.3 फीसदी महिलाएं तंबाकू खाती हैं तो वहीं यूपी में ये संख्या 8.4 फीसदी है।
सिरोसिस से पुरुषों की ज्यादा हो रही मौत
सर्वे के मुताबिक, 1991 से 2000 के बीच में जन्मी महिलाएं उतनी ही शराब पी रही हैं जितना उनके पुरुष साथी, पीने की रफ़्तार में ये पीढ़ी पुरुषों को पीछे छोड़ रही है। इसका बुरा असर भी महिलाओं को हेल्थ पर भी दिख रहा है। अमेरिकी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2000 से 2015 के बीच 45 से 64 साल की उम्र की महिलाओं में सिरोसिस से मौत के मामले में 57 फीसदी बढ़ोत्तरी देखी गई है। जबकि इस वर्ग में 21 फीसदी पुरुष सिरोसिस की चपेट में आकर मरे। इतना ही नहीं शराब के ओवरडोज के बाद अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचने वाले महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है।
क्यों बढ़ रहा शराब पीने का चलन
दिल्ली में महिलाओं के बीच शराब के सेवन को लेकर किये गए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि ‘ज्यादा महिलाएं शराब पी रही हैं।’ सर्वे के अनुसार बढ़ती समृद्धि, आकांक्षाएं, सामाजिक दबाव और एक अलग जीवन शैली से जुड़ाव ने महिलाओं को शराब के सेवन की ओर आकर्षित किया है। ‘कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकेन ड्राइविंग’ (CADD) ने 18 से 70 साल की 5 हजार महिलाओं के बीच यह सर्वे कराया है।
चलन के तौर पर महिलाएं पी रही शराब
महिलाओं के शराब पीने के कारणों की बात करें तो सर्वे कहता है कि “अधितकर सभी सामाजिक गतिविधियां शराब के इर्द- गिर्द घूमती हैं और जब हर कोई एक जैसी चीज कर रहा हो तो यह एक समस्या की तरह प्रतीत नहीं होती। यह सिर्फ चलन है।”
सर्वे के अनुसार 18 से 30 वर्ष की 43.7 प्रतिशत महिलाएं आदतन शराब पीती हैं या शौकिया तौर पर इसका सेवन करती हैं। 31 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 41.7 प्रतिशत महिलाओं ने व्यावसायिक आवश्यकता के कारण या सामाजिक मानदंडों के कारण शराब का सेवन किया। इसमें कहा गया है कि 60 से ऊपर की 53 प्रतिशत महिलाओं और 46 से 60 वर्ष की 39.1 प्रतिशत महिलाएं भावनात्मक कारणों से शराब का सेवन करती हैं।
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