CM मोहन यादव की मौजूदगी में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ करार, पशुपालकों को फायदा
Agreement For Milk Production : मध्य प्रदेश राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ एमओयू करके डेयरी क्षेत्र को आधुनिक और मजबूत करेगा। साथ ही किसानों को प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से जोड़कर उन्हें दुग्ध संग्रहण से जोड़ने की योजना है। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
National Dairy Development Board : मध्य प्रदेश राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ एमओयू करके डेयरी क्षेत्र को आधुनिक और मजबूत करेगा। पशुपालन विभाग और मप्र राज्य सहकारी डेयरी संघ ने बोर्ड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बोर्ड अगस्त के अंत में मध्य प्रदेश में डेयरी क्षेत्र में सुधार के लिए विस्तृत रिपोर्ट देगा।
मेरे ख्याल से राज्य में मात्र 6000 दुग्ध सहकारी समितियां हैं, जबकि 24000 ग्राम पंचायतें हैं। सरकार का लक्ष्य इनकी संख्या बढ़ाकर दूध का संग्रहण बढ़ाना है। सरकार ने संकल्प लिया है कि आने वाले वर्षों में हर ग्राम पंचायत में एक दुग्ध सहकारी समिति हो। समझौते के तहत नई समितियां बनाने की बजाय महिला स्व-सहायता समूहों को डेयरी उद्योग से जोड़ने की योजना है।
उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी नस्ल के पशु
दूध संग्रहण बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा। इसके लिए पशुपालकों को कई योजनाओं के तहत अच्छी नस्ल के पशु दिए जा रहे हैं। इन योजनाओं का विस्तार किया जाएगा। पशु आहार साइलेज बनाकर साल भर सस्ता चारा और फसल अवशेष उपलब्ध कराया जाएगा, यानी जब हरे चारे की उपलब्धता अधिक होगी, तो उसमें पोषक तत्व मिलाकर उसे पैक करके सुरक्षित रखा जाएगा। बाद में उसका उपयोग किया जा सकेगा।
साथ ही किसानों को प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से जोड़कर उन्हें दुग्ध संग्रहण से जोड़ने की योजना है। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को भी इसमें शामिल किया जाएगा। शहडोल-रीवा में नए दुग्ध संघ स्थापित किए जाएंगे। इंदौर, भोपाल, उज्जैन और बुंदेलखंड के मौजूदा संघ आर्थिक रूप से अच्छी स्थिति में हैं। ग्वालियर-जबलपुर की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाएगा। इन संघों का आधुनिकीकरण किया जाएगा और गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा, ताकि ब्रांड बेहतर बने।
विदेशों में निर्यात की संभावनाएं तलाशी जाएंगी
सुधार पर रहेगा फोकस खपत बढ़ाई जाएगी, ताकि दुग्ध उत्पादकों को अधिक मुनाफा हो। सांची ब्रांड की दूसरे राज्यों में ब्रांडिंग की जाएगी। साथ ही विदेशों में निर्यात की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इससे राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में प्रसंस्करण क्षमता
वर्तमान में मध्य प्रदेश में दूध प्रसंस्करण क्षमता करीब 15 लाख लीटर प्रतिदिन है। कभी-कभी उत्पादन इससे अधिक हो जाता है। प्रतिदिन उत्पादन 10 लाख से 10.5 लाख लीटर है, यह मौसम के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है। इस क्षमता को बढ़ाने के प्रयास होंगे, एनडीडीबी मदद करेगी।
राज्य सहकारी डेयरी संघ के एस, एमडी-एमओ डॉ. सतीश कुमार ने बताया क्षेत्र के सुधार के लिए विस्तृत रिपोर्ट देंगे। इसे लागू कर डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने का काम किया जाएगा-मार्केटिंग और गुणवत्ता सुधार पर फोकस रहेगा।