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उत्तर प्रदेश का ऐसा गांव जहां पिछले दो वर्ष से नहीं हुआ कोई विवाद, नहीं पड़ी पुलिस की जरूरत

UP News : सगड़ी तहसील का सेमरी गांव जिला मुख्यालय से 70 किमी से अधिक दूर है। साथ ही गांव से महराजगंज थाना 48 किमी दूर है। यह गांव घाघरा नदी के दूसरी ओर है और गोरखपुर से सटा हुआ है।
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A village in Uttar Pradesh where there has been no dispute in the last two years, no need for police

Saral Kisan : जनपद में शायद ही कोई गांव ऐसा हो। गांव में कोई भी व्यक्ति थाने का चक्कर नहीं काट रहा है। ग्राम सेमरी में दो साल से कोई मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है। गांव के लोग पंचायत में बैठकर विवादों को हल करते हैं। पुलिस को मामला नहीं मिलता। सगड़ी तहसील का सेमरी गांव जिला मुख्यालय से 70 किमी से अधिक दूर है। साथ ही गांव से महराजगंज थाना 48 किमी दूर है। यह गांव घाघरा नदी के दूसरी ओर है और गोरखपुर से सटा हुआ है। इस गांव में 1200 लोग रहते हैं, जिसमें 754 मतदाता और 180 आशियाने हैं। यह गांव घाघरा की कटान के मुहाने पर है। 2021-22 में गांव का प्राथमिक विद्यालय गिर गया। घाघरा में पुराने प्राथमिक स्कूल के स्थान पर एक नया स्कूल बनाया जा रहा है। गांव में पंचायत भवन का निर्माण पूरा हो गया है।

इस गांव के लोगों को थाना और विकास खंड जाने के लिए 48 किमी चलना होगा। गांव में अपराध कम होते हैं। पंचायत में छोटे-छोटे विवाद लोगों को हल कर देती है, इसलिए थाने जाने की जरूरत नहीं होती। इसलिए, पिछले दो वर्षों में इस गांव के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है। हालाँकि, गांव में पिछले दो वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के दो, एक्साइज एक्ट के तीन और आगजनी का एक मुकदमा दर्ज हुआ है।

चुनाव के समय प्रशासन भी व्यस्त रहता है

प्रशासन को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, चाहे वह लोकसभा, विधानसभा या ग्राम पंचायत चुनाव हों। पोलिंग पार्टियों को या तो सुबह ही रवाना करना होगा या एक दिन पहले ही। उन्हें मऊ की सीमा से बड़हलगंज गोरखपुर जाकर सेमरी गांव पहुंचना होगा। इसलिए उनका पूरा दिन व्यतीत होता है। ग्राम प्रधान दशरथ निषाद ने बताया कि छोटी-मोटी समस्याएं बैठकर पंचायत करके हल की जाती हैं। हाल ही में कोई चालान नहीं हुआ है। 2008-09 में गांव में एक बड़ी घटना हुई। गाँव में आग लगी। गत दो साल में सेमरी गांव में कोई मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है। पुलिस को बड़ी घटना होने पर दोहरीघाट, बड़हलगंज और गोला होते हुए जाना पड़ता है।

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