उत्तर प्रदेश में 4400 करोड़ की लागत से बनेगा नया लिंक एक्सप्रेसवे, इस जिले को मिलेगी नई रफ्तार

Uttar Pradesh : ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार का एक सपना है। नोएडा और आसपास के जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के लिए एक विकास हब बनकर उभरेगा। इससे स्थानीय बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से होगा। सरकार निर्यात को बढ़ाना चाहती है, इसलिए जेवर एयरपोर्ट को पूरे राज्य से जोड़ना चाहती है।
साथ ही, उत्तर प्रदेश के जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नया 76 किलोमीटर का लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। 24 किलोमीटर पहले, इस एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिसकी लागत 4415 करोड़ रुपये होगी।
अन्य शहरों तक पहुंच होगी सुगम
यूपीडा इस परियोजना की नोडल एजेंसी है और इसका अंतिम लक्ष्य गंगा एक्सप्रेसवे होगा। हालाँकि, उत्तर प्रदेश के बीच से गुजरने वाले प्रमुख राजमार्गों में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं। यही कारण है कि बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर-दक्षिण दिशा में बनाए गए हैं, जिससे कई शहरों तक आसानी से पहुंच मिलती है।
सरकार बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे को फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ेगी, जो अब यमुना एक्सप्रेसवे के नजदीक निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेगा। अब इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश में एक पूरी एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार हो जाएगी, जिससे राज्य के अन्य भागों से यात्रा सस्ती और सुविधाजनक हो जाएगी।
2026 से शुरू होगा निर्माण
एडिकॉन इंडिया, परियोजना की सलाहकार कंपनी, न्यूनतम बजट में अधिकतम लाभ प्राप्त करने वाली परियोजना पर काम कर रही है। इसके लिए परियोजना की पूरी रिपोर्ट फरवरी में नियोजन विभाग को भेजी गई और मार्च तक एम्पावर्ड फाइनेंस कमेटी से अनुमोदन मिलने की संभावना है।
इस योजना के अनुसार, मई से जुलाई के बीच जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और फरवरी 2026 में निर्माण शुरू होगा। नव निर्मित लिंक एक्सप्रेस के निर्माण की अनुमानित लागत 4415 करोड़ रुपये में से जमीन अधिग्रहण पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
एक्सपोर्ट हब से निर्यात को मिलेगी रफ्तार
जेवर एयरपोर्ट के निकट एक एक्सपोर्ट हब का उद्देश्य निर्यात को बढ़ाना है। एक्सपोर्ट हब का उद्देश्य कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों को व्यापक रूप से लाभ पहुंचाना है। विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के तहत स्थापित यह हब तिल, मूंगफली, सब्जी, काला नमक चावल और अन्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगा।