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राजस्थान में इन शहरों के बीच बनेगा नया नवेला एक्सप्रेसवे, ये होगा नए राजमार्ग का रूट

New Green Field Expressway : जनवरी में डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद सर्वे कार्य शुरू हो गया है। एनएचएआई ब्यावर-गोमती राजमार्ग बनाने के लिए डीपीआर बनाने का काम करेगा। इसके लिए आठ महीने की अवधि दी गई है। ब्यावर से भरतपुर तक सड़क बनाने के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा और अनुमानित खर्च के बाद बजट निर्धारित किया जाएगा, जिसके बाद सड़क का निर्माण शुरू हो सकेगा।
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राजस्थान में इन शहरों के बीच बनेगा नया नवेला एक्सप्रेसवे, ये होगा नए राजमार्ग का रूट

Rajasthan News : ब्यावर-गोमती फोरलेन परियोजना का लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। आने वाले दो वर्षों में ब्यावर से भरतपुर तक एक राजमार्ग बनाने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने पिछले बजट में घोषित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण अब शुरू हुआ है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ब्यावर से भरतपुर तक 342 किलोमीटर का एक्सप्रेस बनाना है।

जनवरी में डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद सर्वे कार्य शुरू हो गया है। एनएचएआई ब्यावर-गोमती राजमार्ग बनाने के लिए डीपीआर बनाने का काम करेगा। इसके लिए आठ महीने की अवधि दी गई है। ब्यावर से भरतपुर तक सड़क बनाने के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा और अनुमानित खर्च के बाद बजट निर्धारित किया जाएगा, जिसके बाद सड़क का निर्माण शुरू हो सकेगा।

गौरतलब है कि राजस्थान के पिछले साल के बजट में नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई थी। इनमें से एक एक्सप्रेस-वे ब्यावर से भरतपुर जाता था। योजना को लागू करने का काम अब जाकर शुरू हुआ है। बजट में इस वर्ष सड़कों को लेकर विशेष परियोजनाएं शामिल हैं। जिले में भी कई नए काम शुरू होंगे। बजट में राज्य मार्गों, बायपास मार्गों, फ्लाई ओवर, एलिवेटेड मार्गों, आरओबी, आरयूबी, ब्रिज निर्माण और सड़कों की मरम्मत और उन्नयन सहित कई विकास परियोजनाएं शामिल होंगी।

342 किमी का होगा एक्सप्रेस-वे

बजट में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की निर्माण प्रक्रिया पर जोर दिया गया है। एनएच-58 से भरतपुर एनएच-21 तक 342 किलोमीटर लंबी नई राजमार्ग बनेगा। खास बात यह है कि नए राजमार्गों में ऐसे मार्ग भी शामिल होंगे जहां अब तक कनेक्टिविटी नहीं है। 9 एक्सप्रेस-हाईवे बनेंगे कुल मिलाकर। करीब 2 हजार 756 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी। वर्तमान में ब्यावर से भरतपुर जाने में 370 किलोमीटर की दूरी तय करने में 7 से 8 घंटे लगते हैं।

ऐसा होगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को खेतों या मैदानों के बीच से हटाया जाएगा। समतल जमीन और शहर से दूर होने से भीड़ भी कम है। इसलिए, एक्सप्रेस-वे बनाना और उच्च गति पर गाड़ी चलाना आसान है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि इसके सभी रूट इंटरकनेक्ट होंगे। हाइवे कम आबादी वाले क्षेत्रों में बनेंगे। वाहनों की स्पीड को बनाए रखने के लिए घुमाव भी कम होगा। इसके निर्माण से व्यापार और पर्यटन दोनों बढ़ेंगे। बताया जा रहा है कि पूरे मार्ग में एक निश्चित कट के अलावा कोई भी गाड़ी नहीं चल सकेगी।

9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

●बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे : 295 किमी
●जालौर-झालावाड़-हल्दीघाटी एक्सप्रेस-वे : 402 किमी
●अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे : 358 किमी
●जयपुर-फलौदी थार एक्सप्रेस-वे : 345 किमी
●श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे : 290 किमी
●ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे : 342 किमी
●जयपुर-जोधपुर हाई स्पीड कोरिडोर : 350 किमी
●कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस वे :181 किमी
●जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस-वे : 193 किमी

ब्यावर-भरतपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर एनएचएआई को सौंप दी गई है। सर्वे को करीब 18 महीने का समय दिया गया है। फिलहाल, ब्यावर की शुरुआत कहां से होगी पता नहीं है। ब्यावर-गोमती राजमार्ग का 95 प्रतिशत काम शुरू हो चुका है।

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