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Delhi में बनाया जाएगा बड़ा सांस्कृतिक केंद्र, इतने लोगों की रहने और बैठने की होगी सुविधा

कला एवं संस्कृति जगत से जुड़े लोगों के लिए दिल्ली में एक बड़े सांस्कृतिक केंद्र बनाने का ऐलान कर दिया गया।18वें अंतरराष्ट्रीय वास्तुकला प्रदर्शनी के अवसर पर किरण नादर संग्रहालय (केएनएमए) के नए इमारत की वास्तुकला का अनावरण किया गया

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A big cultural center will be built in Delhi, there will be accommodation and seating facilities for so many people

Saral Kisan : कला एवं संस्कृति जगत से जुड़े लोगों के लिए दिल्ली में एक बड़े सांस्कृतिक केंद्र बनाने का ऐलान कर दिया गया।18वें अंतरराष्ट्रीय वास्तुकला प्रदर्शनी के अवसर पर किरण नादर संग्रहालय (केएनएमए) के नए इमारत की वास्तुकला का अनावरण किया गया। इसे एस घोष एंड एसोसिएट्स के सहयोग से प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार सर डेविड एडजय द्वारा डिजाइन किया जा रहा है।

वास्तुकार का दावा है कि एक लाख स्क्वायर मीटर में तैयार किए जा रहे सांस्कृतिक केंद्र 2026 तक तैयार हो जाएगा और उस समय यह भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र होगा।

नए किरण नादर म्यूजियम आफ आर्ट्स राष्ट्रीय हाइवे (एनएच आठ) पर स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे के पास बनाया जा रहा है। वास्तुकार के अनुसार हवाई अड्डे के नजदीक होने से इसकी पहुंच और दृश्यता दोनों ही आसान होगी।

क्या कुछ खास होगा नए केएनएमए में

नए केएनएमए में 10,000 से अधिक आधुनिक और समकालीन कार्यों के साथ छह गैलरी होगी। सांस्कृतिक सेंटर में कई स्टूडियो और दो आडिटोरियम होंगे, जिसमें क्रमश: 700 सीट और 200 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। यहां संगीत, नृत्य और थिएटर प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें सेमीनार, वार्ता, कला कोर्स, कार्यशाला, ओपेरा, क्राफ्ट शो और भी बहुत कुछ आयोजित किए जा सकेंगे।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संग्रहालय को आंदोलन और विश्राम के लिए डिज़ाइन किया गया है, समय बिताने, समुदाय की भावना महसूस करने के लिए एक जगह जो कई संवादों और वार्तालापों को आमंत्रित करेगी। संस्थापक किरण नादर ने बताया कि निर्माण कार्य अभी हाल ही में शुरू हुआ है अभी आगे और भी कई चीजों को जोड़ने पर विचार चल रहा है।

"कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में लोगों का शिक्षित होना जरूरी"

केएनएमए की संस्थापक-अध्यक्ष किरण नादर ने कहा कि कला क्षेत्र में स्पेस पाना हमारे लिए एक बड़ा संघर्ष है। इस सांस्कृतिक केंद्र को बनवाने के पीछे हमारा उद्देश्य कला और संस्कृति के क्षेत्र में लोगों को शिक्षित करना है।

संग्रहालय के साथ यदि हमारे पास सांस्कृतिक केंद्र होगा तो हम कला के संपर्क में अधिक से अधिक लोगों को ला सकेंगे। 2010 में जब किरण नादर म्युजियम आफ आर्ट की शुरुआत की गई थी तब लोगों के लिए एक संग्रहालय के साथ-साथ ऐसी जगह मिली जिसने कला के सभी रूपों को अपनाया।

वास्तुकार को चुनना एक बड़ी चुनौती रही

एक बार फिर जब नए केएनएमए की बात की गई तो सबसे बड़ी चुनौती वास्तुकार की टीम चयन था इसमें करीब दो साल लगे। दुनियाभर के लगभग 70 से अधिक वास्तुकारों के काम देखने के बाद पांच को चयनित कर थीम और माडल प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।

वास्तुकार डेविड एडजय इससे पूर्व अमेरिकी इतिहास और संस्कृति पर आधारित स्मिथ सोनियन राष्ट्रीय संग्रहालय और अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी आर्ट संग्रहालय जैसी परियोजनाओं के लिए काफी मशहूर हैं। नादर बताती हैं कि डेविड ने शुरुआत में इमारत को वर्टिकल डिजाइन किया लेकिन हवाई अड्डे के पास 23 मीटर से अधिक ऊंचाई की इमारत न बनने पर उन्होंने पूरा डिजाइन बदल दिया।

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