राजस्थान में बनेगी 200 किलोमीटर लंबी नहर, इन इलाकों की जमीन से निकलेगी

Rajasthan News : पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (PKC-ERCP) जल्द ही शुरू हो जाएगा। इसके पहले चरण में लगभग 4694.247 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की अनुमानित सीमा है। नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना के तहत 200 किमी लंबी नहर प्रणाली के लिए जमीन अधिग्रहण की जाएगी। इससे जमीन प्राप्त करने वाले करीब 5046 लोग प्रभावित होंगे। इसे देखते हुए अनुबंधित कंपनी ने जनसुनवाई की तैयारी पूरी कर ली है। प्रभावित ग्रामीणों ने कई संदेह व्यक्त किए हैं, लेकिन अधिकारियों ने इसके लाभ गिनाए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माण के लिए कितने गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। पहले, रामगढ़-महलपुर में बैराज और नवनेरा पंप हाउस बनाया जाएगा। पानी बीसलपुर-ईसरदा बांध में जाएगा। डीपीआर बनाया जा रहा है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। गौरतलब है, पहले चरण में 9600 करोड़ रुपए की लागत होगी। वर्ष 2028 तक चंबल का पानी बीसलपुर और ईसरदा बांधों तक लाया जाएगा। क्योंकि बीसलपुर को 2027 तक की जनसंख्या को देखते हुए बनाया गया था
अधिकारियों ने गिनाए, इससे जुड़े फायदे
- कृषि पैदावार बढ़ेगी, किसानों को फायदा।
- पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- प्रदेश के 10 जिलों (नव गठित 17 जिले) में बाढ़ व सूखे की स्थिति कम होगी।
- उद्योगों को जल की उपलब्धता के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा।
- बांधों में पर्याप्त जल होनेपर पेयजल से वंचित क्षेत्र, शहर, कस्बों के लिए पेयजल आपूर्ति होगी।
- परियोजना क्षेत्र में जल संग्रहण का एक बड़ा स्रोत बनेगा, जिससे भू-जल स्तर में बढो़तरी होगी।
- निचले क्षेत्र में बने जल संग्रहण स्रोतों को आवश्यक समय में जलापूर्ति हो सकेगी। क्षेत्र में जल की उपलब्धता होगी।
यहां किया जाएगा, अधिग्रहण
रामगढ़-महलपुर बैराज और नवनेरा पंप हाउस निर्माण के दौरान कोटा और बारां जिले की किशनगंज, मांगरोल, बारां और दीगोद तहसील में 4694.247 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की घोषणा की गई है। बैराज और पम्प हाउस डीपीआर के तहत तहसीलों में 5046 परिवारों को भूमि मिलनी चाहिए।