उत्तर प्रदेश के 32 गांवों की 9 हजार एकड़ जमीन होगी अधिग्रहण, योगी सरकार बनाएगी ग्राउंड मांउटेड अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर पार्क
Solar Energy In UP : उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा का हब के रूप में विकसित करने के लिए योगी सरकार निरंतर बड़े स्तर पर काम कर रही है. इसी कड़ी में सूबे की योगी सरकार ने बुंदेलखंड रीजन को सौर ऊर्जा के रूप में विकसित करने के लिए सोलर पार्क निर्माण करवाने जा रही है.
UP News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित करने में बड़ी पहल की है. प्रदेश में इसी पहल का नतीजा अब सामने दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश में सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि गांव-गांव तक सोलर एनर्जी पहुंचने का बड़ा प्रयास किया जा रहा है. इसी प्रयास के चलते यूपी के बुंदेलखंड रीजन में सौर ऊर्जा के हब के रूप में विकसित होगा. बुंदेलखंड रीजन में प्रदेश सरकार सोलर पार्क को विकसित करने जा रही है.
9000 एकड़ जमीन पर सबसे बड़ा सोलर पार्क विकसित
प्रदेश के झांसी, ललितपुर और चित्रकूट 9000 एकड़ जमीन पर सबसे बड़ा सोलर पार्क विकसित किया जा रहा है। यहां पर 2000 मेगावाट का सोलर प्लांट का निर्माण किया जाएगा. इस बड़े प्रोजेक्ट से प्रदेश को हर वर्ष 4700 मिलियन यूनिट बिजली का पैदावार मिलेगा. इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए 32 गांवों की जमीन लीज लेने की प्रक्रिया चल रही है. मौजूदा समय में 8000 से ज्यादा जमीन लीज पर अधिकृत की जा चुकी है. इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का करीब 90 फिसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. इन तीनों परियोजनाओं को पूरा करने का योगी सरकार ने 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि इन प्रोजेक्ट ऑन को समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा. इससे योजना से प्रत्यक्ष रूप से 18000 से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
ललितपुर में 86 फीसदी जमीन अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में ग्राउंड माउंटेन अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क विकसित करने की दिशा में अब तेजी से काम किया जा रहा है. ललितपुर में 2700 एकड़ जमीन पर सोलर पार्क विकसित किया जाएगा. अभी तक इस प्रोजेक्ट के लिए 1317.80 एकड़ सरकारी और 1022.73 एकड निजी जमीन को चयनित किया जा चुका है. इस चिन्हित की गई जमीन में से करीब 86 फीसदी जमीन लीज पर अधिग्रहण की जा चुकी है.
उन्होंने बताया कि तहसील तालबेहट के करीब 9 गांव क्रमश: पवा, सरखड़ी, बर्माबिहार, शाहपुर, तालबेहट अंदर (खांडी), पिपरई, गेवरागुंडेरा, झरार और कडेसराकलांन की जमीन को चिन्हित किया गया है। यूपीपीसीएल यहां फैंसिंग कार्य और सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन बना रहा है। 600 मेगावॉट क्षमता वाले इस प्लांट से वर्ष में 1400 मिलियन यूनिट बिजली बनाई जाएगी। इसके अलावा, 4850 अकुशल और 210 कुशल कर्मचारियों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही, परियोजना के संचालन और रखरखाव के 25 वर्षों में लगभग 200 कुशल और 360 अकुशल कर्मचारियों को नौकरी मिलेगी।
झांसी में 2700 एकड़ में 600 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि सोलर पार्क बनाने की सीएम योगी की मंशा को पूरा करने के लिए लीज पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया युद्धस्तर पर चल रही है। तहसील गरौठा के आठ गांवों (खदौरा, जलालपुरा, पुरा, जसवंतपुरा, सुजानपुरा, नदौरा, बरारू, मोतीकटरा) की जमीन 2700 एकड़ में सोलर पार्क बनाने के लिए अधिग्रहण की जा रही है। 263.77 एकड़ सरकारी भूमि और 2328.67 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जा चुकी हैं।
ऐसे में जमीन अधिग्रहण का 96 प्रतिशत काम अब तक पूरा हो चुका है। यूपीपीसीएल यहां फैंसिंग कार्य और सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन बना रहा है। 600 मेगावाट क्षमता वाले इस सोलर पॉवर प्लांट से वर्ष में 1400 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित होगी। इससे 4850 अकुशल और 210 कुशल लोगों को काम मिलेगा। साथ ही, परियोजना के संचालन और रखरखाव के 25 वर्षों में लगभग 200 कुशल और 360 अकुशल कर्मचारियों को नौकरी मिलेगी।
चित्रकूट तहसील के 15 गांवों की 3400 एकड़ भूमि
800 मेगावाट क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना के लिए चित्रकूट तहसील के 15 गांवों की 3400 एकड़ भूमि को लीज पर लेने की प्रक्रिया चल रही है। लीज पर ली जानी वाली जमीन में छतैनीमांफी, खरगडाह, गाहुर, कटैईयाडांडी, मनकाछतैनी, चचोखर, छरेहरा, डोंडियामांफी, कोटवामांफी, उसरीमांफी, बर्गाह, अटारीमाजरा, गोईयाकलां, गोईयाखुर्द और सेमरा शामिल हैं। अब तक, 3400 एकड़ भूमि में से 1249.50 एकड़ सरकारी भूमि और 1821.51 एकड़ निजी भूमि लीज पर दी गई है। यही कारण है कि अब तक 90 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण कार्य पूरा हो चुका है।
यूपीपीसीएल यहां फैंसिंग कार्य और सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन बना रहा है। यहां वर्ष में 1900 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। प्लांट की स्थापना के दौरान 6050 अकुशल और 265 कुशल कर्मचारी काम करेंगे। साथ ही, परियोजना के संचालन और रखरखाव की बीस वर्ष की अवधि में लगभग 300 कुशल और 450 अकुशल कर्मचारियों को नौकरी मिलेगी।