8th Pay Commission : 1 करोड़ कर्मचारियों को मिली बुरी खबर, अब सैलरी में नहीं होगी बढ़ोतरी, एक्सपर्ट ने बताया कारण
8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया था। इसके बाद से कर्मचारियों के बीच यह चर्चा चल रही है कि सैलरी में कितनी वृद्धि होगी। वर्तमान में हर कर्मचारी के मन में यही सवाल है कि सैलरी में कितना इजाफा होगा। इस स्थिति में 1 करोड़ कर्मचारियों को झटका लगने की संभावना है।

saral kisan, 8th Pay Commission : केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हाल ही में सरकार ने 8वें वेतन आयोग से संबंधित दो सर्कुलर जारी किए हैं, जिनमें 40 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। ये पद आयोग के लिए कार्य करेंगे।
फिटमेंट फैक्टर पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं।
देश में 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। जब से 8वें वेतन आयोग का गठन किया गया है, सभी के मन में यह सवाल है कि सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी और पेंशन कितनी होगी। इन सब में बढ़ोतरी के लिए सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर फिटमेंट फैक्टर है। कर्मचारियों के मन में यह सवाल है कि फिटमेंट फैक्टर कितना होगा।
पहले जान लें कि फिटमेंट फैक्टर क्या होता है।
फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक है। इसके माध्यम से नए वेतन आयोग में बेसिक सैलरी को निर्धारित किया जाएगा। वर्तमान बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके नई बेसिक सैलरी निर्धारित होती है। यदि किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो कर्मचारियों की ओर से संभावित फिटमेंट फैक्टर 2.86 रहेगा।
ऐसी स्थिति में नई बेसिक सैलरी 51,480 रुपये मंथली होगी। हालांकि, इतनी वृद्धि संभव नहीं है। फिटमेंट फैक्टर का अधिक होना यह नहीं दर्शाता कि सैलरी भी अधिक होगी।
पुराने वेतन आयोगों से कैलकुलेशन को समझें।
ज्ञात हो कि 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 निर्धारित हुआ था। लेकिन इस वेतन आयोग में वास्तविक सैलरी में सबसे अधिक वृद्धि हुई थी। औसतन 54 प्रतिशत की सैलरी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
वहीं, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, फिर भी असली बढ़ोतरी 14.2 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसका प्रमुख कारण यह है कि अधिकांश फिटमेंट केवल महंगाई भत्ते (DA) को समायोजित करता है।
महंगाई समायोजन में फिटमेंट फैक्टर चला जाएगा।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 किए जाने की मांग की जा रही है। इसे वास्तविक बढ़ोतरी के लिए आवश्यक माना जा रहा है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग के हवाले से कहा गया है कि इतनी बड़ी बढ़ोतरी व्यावहारिक रूप से संभव नहीं लगती।
फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.92 के आसपास रह सकता है। इससे न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा फिर से महंगाई समायोजन में ही चला जाएगा।
क्या होती है असली बढ़ोतरी।
हमें नए वेतन आयोग में असली बढ़ोतरी को जानने के लिए 7वें वेतन आयोग को समझना होगा। इस समय वेतन के साथ 125 प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ा गया था।
इस प्रकार, 2.57 के फिटमेंट फैक्टर में केवल 0.32 हिस्सा ही नई बढ़ोतरी यानी असली बढ़ोतरी माना गया। इस प्रकार असली बढ़ोतरी केवल 14.2 प्रतिशत ही असली फायदा थी। इसमें, केवल पहले से मिलने वाली राशि का नया स्वरूप था।
यह स्थिति नए वेतन आयोग की चल रही है।
दो सर्कुलर नए वेतन आयोग के संबंध में जारी किए गए हैं। इसमें 40 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। इन पदों पर विभिन्न विभागों से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। टर्म ऑफ रेफरेंस जल्द ही जारी होगा।
इसके बाद चेयरमैन और अन्य सदस्य नियुक्त किए जाते है। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होनी है। बता दें कि 7वें वेतन आयोग से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ था।