राजस्थान से होकर गुजरेगा 886 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेलवे ट्रैक, 34 गांवों में 161.045 हैक्टेयर जमीन होगी अवाप्त
Delhi Ahmedabad Bullet Train : देश में यातायात कनेक्टिविटी को तेज़ी से सुधारने की दिशा में केंद्र सरकार कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम कर रही है। इन्हीं में से एक है दिल्ली से अहमदाबाद तक की बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसके तहत कुल 886 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा।

Bullet Train in Rajasthan: देश में यातायात कनेक्टिविटी को तेजी से विकास सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से हो रहा है. देश के सभी राज्यों के बीच आपसी कनेक्टिविटी देश की आर्थिक उन्नति में अहम योगदान निभाती है. दिल्ली से अहमदाबाद के बीच 886 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बिछाया जाना है. यह बुलेट ट्रेन राजस्थान से होकर गुजरेगी और प्रदेश में 7 रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे. राजस्थान की भीलवाड़ा जिले के 34 गांव में इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अमावस की जा सकती है. प्रदेश के डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर और जयपुर इसको इसका सीधा फायदा मिलने वाला है.
दिल्ली से अहमदाबाद जाने वाली बुलेट ट्रेन भीलवाड़ा से होकर गुजरेगी। बुलेट ट्रेन, देश की बड़ी योजना, एक खुशखबरी है। 2022 में ट्रेन अप्रूवल होने के बाद अब इसकी डीपीआर पूरी हो चुकी है। अब बुलेट ट्रेन दिल्ली से भीलवाड़ा होकर अहमदाबाद जाएगी। जैसा कि लोकसभा सचेतक, भीलवाड़ा सांसद और रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य दामोदर अग्रवाल ने बताया, सर्वेक्षण एजेंसी ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की रिपोर्ट हाल ही केंद्र सरकार को सौंप दी।
राजस्थान में सात स्टेशन
दिल्ली से अहमदाबाद तक 886 किलोमीटर की दूरी पर 13 स्टेशन हैं। इनमें राजस्थान में सात स्टेशन शामिल होंगे। दिल्ली से बुलेट ट्रेन जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूंगरपुर होकर गुजरात में अहमदाबाद जाएगी। जबकि अन्य ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 135 किमी प्रति घंटा होती है, बुलेट ट्रेन 350 किमी प्रति घंटा की स्पीड तक पहुँच सकती है। बुलेट ट्रेन दिल्ली से अहमदाबाद को 4.30 घंटे में पहुंचा देगी, जबकि सामान्य ट्रेन में 12 से 14 घंटे लगते हैं।
जमीन का अधिग्रहण
रेलवे ट्रेक के लिए आवश्यक जमीन का अधिग्रहण अब केंद्र सरकार से अनुमोदन मिलते ही शुरू हो जाएगा। सालमपुरा गांव, भीलवाड़ा शहर से 15 किमी दूर बुलेट ट्रेन का स्टेशन होगा। 85.5 किलोमीटर में भीलवाड़ा जिले में ट्रेक बनेगा। इसके लिए 34 गांवों में 161.045 हैक्टेयर जमीन दी जा सकती है। 60.22 हैक्टेयर सरकारी जमीन है और 100.82 हैक्टेयर निजी खातेदारी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना सर्किल रेट
2021 में, NHSL (स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण) के पूर्व संयुक्त महाप्रबंधक मार्तंड सिंह राठौड़ ने जन सुनवाई की। ग्रामीणों की आपत्तियां तब ली गईं और मुआवजा सहित अन्य सुविधाओं के बारे में बताया गया। शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेट (डीएलसी) दो गुना हो सकता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना हो सकता है। इसमें निर्माण का आंकलन भी किया जाएगा। निर्माण संपत्ति या मकान के लिउ बीएसआर रेट को आधार बनाया जाएगा।