उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में बनेंगे 8 नए हाईवे, जानिए किन शहरों से गुजरेगें
Road Corridor Projects : देश की अर्थव्यवस्था में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का अहम योगदान होता है. इसी कड़ी में देश की केंद्र सरकार ने आठ राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण को स्वीकृति दी है. यह नेशनल हाईवे देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से होकर निकलने वाले हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों के बन जाने के बाद आर्थिक उन्नति के साथ-साथ लोगों के लिए रोजगार की अवसर भी पैदा होंगे.
National High Speed Corridor Project : देश को 8 नए नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना की स्वीकृति मिल चुकी है. यह आठ राष्ट्रीय राजमार्ग 936 किलोमीटर लंबे होंगे. देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में ये नेशनल हाईवे भूमिका निभाने वाले हैं। इनको बनाने में लगभग 50 करोड रुपए की धनराशि लगने की संभावना है. ये नेशनल हाईवे देश के कई राज्यों और शहरों से गुजरते हुए निकलेंगे.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर परिजनों को स्वीकृति दी है. देश में 936 किलोमीटर लंबे 8 नेशनल हाईवे के निर्माण को स्वीकृति मिली है. चलो जाने कहां-कहां बनेंगे यह नेशनल हाईवे
आगरा ग्वालियर सिक्स लेन नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
आगरा ग्वालियर राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर 88 किलोमीटर लंबा होगा. इस नेशनल हाईवे को बनाने में 4613 करोड रुपए की लागत राशि आएगी. यह नेशनल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी को और ज्यादा बढ़ाएगा. उदाहरण के लिए बता दें की उत्तर प्रदेश में ताजमहल, आगरा किला और मध्य प्रदेश में ग्वालियर किला प्रमुख पर्यटन स्थलों के कनेक्टिविटी को और ज्यादा बढ़ाएगा. इस राष्ट्रीय स्पीड कॉरिडोर से आगरा और ग्वालियर के बीच की दूरी 7 फीसदी तक कम हो जाएगी और यात्रा का वक्त 50% तक काम हो जाएगा. यह नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर उत्तर प्रदेश से होते हुए राजस्थान और मध्य प्रदेश के सुसेरा गांव तक जाएगा.
खड़गपुर मोरेग्राम फोरलेन राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर
यह राष्ट्रीय नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर खड़गपुर और मोरेग्राम के बीच 231 किलोमीटर लंबा होगा। यह हाई स्पीड नेशनल कॉरिडोर पर 10247 करोड रुपए की लागत राशि से बनाया जाएगा। यह नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों यातायात कनेक्टिविटी बेहतर करेगा. इसके अलावा देश के दूसरी छोर पर उत्तरी पूर्वी हिस्से के बीच यातायात और आवागमन आसान होगा. मौजूदा समय में खड़गपुर और मोरेग्राम के बीच की दूरी 9 से 10 घंटे में पूरी होती है. इस नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर बनने के बाद यह सफर मात्र 3 से 5 घंटे में पूरा हो सकेगा.
अहमदाबाद सिक्स लेन नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
यह सिक्स लेन नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर 214 किलोमीटर लंबा होगा. इस हाई स्पीड कॉरिडोर को बनाने में 10534 करोड रुपए की लागत राशि आएगी. अहमदाबाद नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर को बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर मोड में बनाया जाएगा. इसके बन जाने के बाद अहमदाबाद और थराड के बीच का सफर 20 फीसदी कम हो जाएगा. यात्रा में लगने वाला समय 60 फीसदी तक कम हो जाएगा.
कानपुर रिंग रोड 6 लेन रिंग रोड
इंजिनियरिंग, खरीद और निर्माण मोड (EPC) में 3298 करोड़ रुपये की लागत से कानपुर रिंग रोड का 6 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड सेक्शन बनाया जाएगा, जो 47 किलोमीटर लंबा है। यह भाग कानपुर के चारों ओर छह लेन राष्ट्रीय राजमार्ग रिंग को पूरा करेगा। रिंग रोड लंबी दूरी के यातायात को शहर की ओर जाने वाले यातायात से अलग करेगा. इसमें प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे NH 19 स्वर्णिम चतुर्भुज, NH 27 ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, NH 34 और आगामी लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
इससे UP, दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में माल परिवहन आसान होगा। इसके अलावा, रायपुर-रांची नैशनल हाईस्पीड कॉरिडोर में पत्थलगांव और गुमला के बीच चार लेन सेक्शन का निर्माण, चार लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और वर्तमान गुवाहाटी बाईपास भी बनाए जाएंगे।
अयोध्या रिंग रोड फोरलेन रिंग रोड
अयोध्या रिंग रोड 3935 करोड़ रुपये की लागत से 68 किलोमीटर लंबी बनाई जाएगी। रिंग रोड से शहर से गुजरने वाले नैशनल हाइवे, जैसे NH 27 (ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर), NH 227 ए, NH 227 बी, NH 330, NH 330 ए और NH 135 ए, में भीड़भाड़ कम होगी. इससे तीर्थयात्रियों को राम मंदिर जाने में आसानी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेजर रिंग रोड अयोध्या में सर्वव्यापी विकास के लिए अप्रूवल हुआ है, जिससे बहुत से लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं।