home page

उत्तर प्रदेश के इस जिले में चार गांवों की 750 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण, औद्योगिक क्षेत्र का होगा विस्तारीकरण

UP News : उत्तर प्रदेश में कई औद्योगिक गलियारों का निर्माण किया जा रहा है। औद्योगिक गलियारों के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश में जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है। उत्तर प्रदेश के इस जिले में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तारीकरण के लिए चार गांव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। 

 | 
उत्तर प्रदेश के इस जिले में चार गांवों की 750 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण, औद्योगिक क्षेत्र का होगा विस्तारीकरण

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे हाईवे और औद्योगिक गलियारों के निर्माण के बाद कई जिलों में जमीनों के रेट आसमान तक पहुंच गए। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गलियारे के लिए चार गांव की 750 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना हैं। बता दे की अधिग्रहित किए जाने वाली जमीनों में औद्योगिक गलियारे में कितनी किस की होगी उसका फैसला राजस्व विभाग की टीम निर्धारण के बाद जारी करेगी । इसी साल औद्योगिक क्षेत्र के विस्तारीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण करने का निर्देश जारी हुआ हैं। 

औद्योगिक क्षेत्र का विस्तारीकरण

इस औद्योगिक गलियारे के लिए जमीन का अधिग्रहण आदेश जिलाधिकारी के जरिए से तहसील प्रशासन को प्राप्त हुआ था। यह आदेश यूपीसीडा कानपुर भूमि अध्यप्ति अनुभाग के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेम प्रकाश मीणा की तरफ से तहसील प्रशासन को  प्राप्त हुआ। इस गलियारे में ग्राम रैसों, बघुआमऊ, जमसारा, समौधा के किसानों की जमीन आने वाली हैं। इस अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन में समौधा की 138 एकड़, 249 एकड़ जमीन जमसारा व बघुआमऊ के अलावा ग्राम रैसो की 363 एकड़ जमीन आने वाली हैं।  तहसील स्तर पर कइस किसान का कितना हिस्सा अधिग्रहण होगा इस काम के लिए राजस्व टीम इसका निर्धारण कार्य में जुट गई हैं। 

किस रेट पर होगा जमीन अधिग्रहण

इस औद्योगिक गलियारे के लिए सरकार किस आधार पर जमीन खरीदेगी। दर्जनों किसानों ने पहले भी इस इलाके के सर्किल रेट पर जमीन देने से इनकार कर दिया था। इस इलाके का सर्किट रेट बहुत कम है। सरकार ने 2017 के बाद सर्किल रेट बढ़ाया भी नहीं है। किसानों का कहना था कि जब सर्किल रेट से चार गुना अधिक कीमत पर जमीन अधिग्रहण की जा रही है तो हमारी जमीन हम आधी कीमत पर क्यों देंगे।

क्या हैं जमीन अधिग्रहण का नियम

भूमि अधिनियम के मुताबिक जमीन अधिग्रहण के लिए 80 से 70 प्रतिशत जमीन मालिको की सहमति बहुत जरूरी भी हैं। किसी भी निजी क्षेत्र की परियोजनाओं और सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजना में भी जमीन मालिको की सहमति जरूरी हैं। संबंधित जमीनों का तब तक अधिग्रहण नहीं किया जा सकता जब तक 70 से 80 फीसदी  किसान सहमत ना हो।

Latest News

Featured

You May Like