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उत्तर प्रदेश के 100 गांव से होकर गुजरेगा 6 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, इन शहरों को होगा बड़ा फायदा

New Greenfield Expressway : NHAI के अधिकारियों ने बताया कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक गांवों में जमीन खरीदनी पड़ी।  इसमें राजस्थान के धौलपुर, उत्तर प्रदेश के आगरा और मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर जिले के सुसेरा गांव शामिल हैं।  भूमि अधिग्रहण का लगभग 98 प्रतिशत काम अब तक पूरा हो चुका है, लेकिन मुआवजे की रकम अभी भी भुगतान की जरूरत है।
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उत्तर प्रदेश के 100 गांव से होकर गुजरेगा 6 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, इन शहरों को होगा बड़ा फायदा

Uttar Pradesh : ग्वालियर-आगरा सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे, जो 88.400 किलोमीटर लंबी है और अब टेंडर खुल चुके हैं, के निर्माण के लिए 4263 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।  टेंडर प्रक्रिया पूरी करने में नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को दो वर्ष लग गए हैं।  ठेका हासिल करने वाली कंपनी अक्टूबर से काम शुरू करेगी और इसे तीस महीने में पूरा करना होगा।  इस राजमार्ग पर 8 बड़े पुल, 23 छोटे पुल, 6 फ्लाइओवर और एक रेल ओवरब्रिज बनाए जाएंगे।

20 बार बढ़ाई जा चुकी है डेट

गौरतलब है कि 5 जनवरी 2024 को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने 88.4 किमी लंबे सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण और मौजूदा 121 किमी फोरलेन हाईवे की मरम्मत के लिए एक टेंडर जारी किया।  हालाँकि, टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी कमियों को सुधारने और आवश्यक संशोधनों को करने के लिए इसकी तारीख लगभग 20 बार बढ़ाई गई है।

ढाई साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट

5 जनवरी 2024 को राजमार्ग बनाने के लिए टेंडर जारी किए गए।  भू-अर्जन तक पहुंचते ही मामला जटिल हो गया, जिससे समाधान न मिलने के कारण टेंडर खोलने की तारीख को कई बार बदलना पड़ा।  साथ ही, तकनीकी कमियों को दूर करने के लिए निरंतर परिवर्तन किए गए।  अंततः, 25 फरवरी 2025 को टेंडर खोला गया और तकनीकी विश्लेषण शुरू हुआ।  इस टेंडर प्रक्रिया में देश भर की दस बड़ी कंपनियों ने भाग लिया है।  ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण अक्टूबर 2025 से शुरू होने की उम्मीद है, और चुनी गई कंपनी को इसे 30 महीने, यानी ढाई साल में पूरा करना होगा।

100 से अधिक गांवों से भुमि अधिग्रहित

NHAI के अधिकारियों ने बताया कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक गांवों में जमीन खरीदनी पड़ी।  इसमें राजस्थान के धौलपुर, उत्तर प्रदेश के आगरा और मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर जिले के सुसेरा गांव शामिल हैं।  भूमि अधिग्रहण का लगभग 98 प्रतिशत काम अब तक पूरा हो चुका है, लेकिन मुआवजे की रकम अभी भी भुगतान की जरूरत है।

टेंडर में दस कंपनियों की भागीदारी

टेंडर प्रक्रिया में दस कंपनियों ने बोली लगाई है: दिलीप बिल्डकॉन, अप्सरा इंफ्रास्ट्रक्चर, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, अडानी इंटरप्राइजेज, आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, वेलस्पन इंटरप्राइजेज, डीआर अग्रवाल इंफ्राकॉन, पीएनसी इंफ्राटेक, गावर इंफ्रास्ट्रक्चर और एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर।  अब उनमें से किसी एक को चुना जाएगा, जिसे आवश्यक सामग्री जुटाने के लिए छह महीने का समय मिलेगा।  तब अक्टूबर से निर्माण शुरू होगा।

अभी है 121 किलोमीटर की दूरी

नेशनल हाईवे आगरा से ग्वालियर की दूरी 121 किमी है।  वर्तमान में ग्वालियर पहुंचने में ढाई से तीन घंटे लगते हैं।  आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे इस दृष्टिकोण से बनाया जा रहा है।

- रोहता के इनर रिंग रोड से यह एक्सप्रेस-वे शुरू होगा।

- आगरा के चौबीस गांवों से गुजरेगा, जबकि धौलपुर राजस्थान के 30 गांवों और मुरैना मध्य प्रदेश के 30 गांवों से गुजरेगा।

- वर्तमान ग्वालियर हाईवे को सुसेरा गांव (ग्वालियर) से जोड़ा जाएगा।

- चंबल नदी पर सबसे बड़ा पुल बनेगा।

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