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उत्तर प्रदेश के 6 एक्सप्रेसवे विकास को देंगे रफ्तार, जानें कौन सा सबसे बड़ा और सबसे छोटा

UP News - आज हम आपको अपनी इस खबर में यूपी के छ ऐसे एक्सप्रेसवे के बारे में बताने जा रहे है जो विकास को रफ्तार देंगे। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कौन सा एक्सप्रेसवे सबसे लंबा है।

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6 expressways of Uttar Pradesh will give pace to development, know which one is the biggest and smallest

Saral Kisan : देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का तमगा अभी उत्तर प्रदेश के ताज एक्सप्रेसवे (आगरा लखनऊ) के पास है। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेस वे और कई ऐसी सड़कें और राजमार्ग हैं, जो इस राज्य को और भी विशेष बनाते हैं। उत्तर प्रदेश को भारत के सभी राज्यों के बीच सबसे अच्छी तरह से जुड़ा हुआ राज्य होने की प्रसिद्धि हासिल है। क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कौन सा एक्सप्रेसवे सबसे लंबा है। उत्तर प्रदेश में सबसे लंबे से लेकर सबसे छोटे एक्सप्रेसवे की सूची, आइए एक नजर डालें।

उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा और सबसे छोटा एक्सप्रेसवे

गंगा एक्सप्रेसवे

यह ग्रेटर नोएडा को बलिया से जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे को चार सेक्टरों में बांटा गया है। इस निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसकी लम्बाई 1047 किलोमीटर है। यह प्रदेश का छठा और सबसे लंबा हाइवे होगा। गंगा एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक बिंदु एनएच 334, जिला मेरठ से है। यह प्रयागराज में (एनएच-2) के बाईपास पर समाप्त होगा। इस एक्सप्रेसवे से मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज जिले जुड़ेंगे।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 

यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से पूर्वांचल के गाजीपुर जिले को जोड़ता है। 343 किलोमीटर लंबा यह लखनऊ के चांद सराय से शुरू होता है। यह बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले हैदरिया को जोड़ता है। इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने साल 2021 में किया था। 

आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे

 यह 302.22 किमी लंबा, 6 लेन, यूपीईआईडीए द्वारा विकसित 8 लेन चौड़ी संरचनाओं वाला एक्सेस कंट्रोल्ड (ग्रीनफील्ड) एक्सप्रेसवे है। एक्सप्रेसवे का निर्माण विभिन्न कनेक्टिंग शहरों में सड़कों पर यातायात और प्रदूषण को कम करने और कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए किया गया था। फरवरी 2017 के बाद से यह सबसे लंबा परिचालन एक्सप्रेसवे रहा है। इसका उद्घाटन 21 नवंबर 2016 को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने किया था।

यमुना एक्सप्रेसवे

आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के बाद, 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेसवे भारत में दूसरा सबसे लंबा एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे है। यह 6 लेन एक्सप्रेसवे 8 लेन में परिवर्तनीय है और आगरा को जोड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा से शुरू होता है। एक्सप्रेसवे जेवर हवाई अड्डे की मेजबानी भी करेगा, जो भारत के अन्य शहरों के साथ भी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

दिल्ली ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे या EPE को KGP एक्सप्रेसवे (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल - Kundli-Ghaziabad-Palwal) के नाम से भी जाना जाता है। इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 27 मई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह 135-किलोमीटर, 6-लेन, एक्सेस-कंट्रोल राजमार्ग एक बड़ी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसमें दो राजमार्ग, EPE और WPE (Western Peripheral Expressway) शामिल हैं। ये दो राजमार्ग मिलाकर दिल्ली का सबसे बड़े रिंग रोड है, जो नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ता है। 

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे

96 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे है। इसमें 24 छोटे-बड़े पुल, 10 फ्लाईओवर, तीन रेलवे पुल, 35 अंडरपास और 15 पैदल यात्री मार्ग हैं। यहां 4500 से ज्यादा स्ट्रीट-लाइटें लगाई गई हैं। एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे भी हैं। इस परियोजना के तहत कुल 82 किमी लंबा मार्ग पूरा किया गया है। पहला 27.74 किमी 14-लेन है, जबकि बाकी 6-लेन एक्सप्रेसवे है। एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ रोड पर 31 ट्रैफिक सिग्नल से निजात दिला दिया। 

इलाहाबाद बाईपास एक्सप्रेसवे

यह 86 किमी लंबा एक्सप्रेसवे है। यह स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और राष्ट्रीय राजमार्ग 2 का एक हिस्सा है। एक्सप्रेसवे एक एक्सेस कंट्रोल्ड राजमार्ग है।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे

यह 24.5 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली को ग्रेटर नोएडा से जोड़ता है। यह एक्सप्रेसवे 24.53 किमी लंबा छह लेन वाला एक्सप्रेसवे है और उत्तर प्रदेश के सबसे व्यस्त एक्सप्रेसवे में से एक है।

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