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4.5 प्रतिशत अधिक वसा, 19 लीटर दूध, 80 हजार क़ीमत वाली बलोच गाय का करें पालन, मिलेगा ज्यादा मुनाफा

How To Rear Cows : भारत में लोग पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं। किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपना अच्छा गुजारा कर रहे हैं। पशुपालन में बकरी तथा गाय भैंस का पालन कर रहे हैं। आज हम आपको गाय की एक खास नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं।

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4.5 प्रतिशत अधिक वसा, 19 लीटर दूध, 80 हजार क़ीमत वाली बलोच गाय का करें पालन, मिलेगा ज्यादा मुनाफा

Best Breed Of Cows : पशुपालकों के लिए गाय, भैंस पालन में गाय का पालन बेहद फायदेमंद रहता है। गाय एक ऐसा पशु है, जो कम खर्चे में अधिक मुनाफा देता है। गाय में अनेक तरह की नस्ल पाई जाती है। दरसल हम बात कर रहे हैं गाय की देसी नस्ल रेड सिंधी के बारे में। यह गाय दूध उत्पादन में अच्छी नस्ल मानी जाती है। इसके दूध में अच्छी फैंट होने के कारण बाजार में अच्छे दाम में बिकता है।

रायबरेली जिले के शिवगढ़ चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया की किसान लाल सिंधी नल की गाय का पालन कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यह एक ऐसी नस्ल है जो अपने दूध के उत्पादन में एक अहम स्थान रखती है। इस नस्ल का मूल स्थान बलूचिस्तान का बेला राज्य है। परंतु अब इसे पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल सहित भारत के अनेको राज्यों में पाला जा रहा हैं। इसके पालन से पशुपालकों को अच्छा मुनाफा हो रहा है।

डॉ इंद्रजीत कहते हैं कि इस देसी नस्ल की गाय को लाल सिंधी गाय तथा रेड सिंधी गाय के नाम से भी जाना जाता है। यह गाय अपने पहले ब्यात में लगभग 1,840 लीटर तक दूध देती हैं। इस गाय के दूध में वसा अधिक पाई जाती है। अगर रोजाना दूध के औसत की बात करें तो 12 से 19 लीटर तक दे सकती है। इसके दूध की कीमत की बात करें तो 50 रूपए से लेकर 80 रूपए तक बिक सकता है। इस गाय की कीमत 80 हजार तक होती हैं, जो इसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता पर निर्भर करती है।

गाय की पहचान

इस गाय का रंग गहरा लाल या हल्का लाल होता है, इसकी ऊंचाई लगभग 120 सेंटीमीटर से लेकर 140 सेंटीमीटर तक हो सकती है। पशु का वजन 320 किलोग्राम से लेकर 340 किलोग्राम तक होता है। इस गाय को जरूरत के हिसाब से ही खुराक देनी चाहिए। जरूरत से ज्यादा चारा या दाना खिलाने पर पाचन शक्ति खराब हो सकती है।

खान पान कैसे करवाएं 

पशुओं को फलीदार चारा खिलाने से पहले उसमें सूखा भूसा या अन्य चारा मिला ले जिससे पशु की पाचन क्रिया मजबूत रहती है। आप पशु को बाजार से चोकर, मक्की और ज्वार, गेहूं, चावल की पॉलिश, चने का छिलका इत्यादि खिला सकते हैं। कुछ लोग पशु को गेहूं का दलिया भी खिलाते हैं, जो पशु के लिए कच्चा रहने के कारण हानिकारक साबित होता है। दलिया के कच्चा रहने के कारण पशु को पेट दर्द के जैसी परेशानियां होने लगती है।

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