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उत्तर प्रदेश में इन दो जिलों के बीच बनेगा 391 किलोमीटर का हाईवे, 9 जिलों को मिलेगा लाभ

इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी, क्योंकि इसकी मदद से राज्य के 10 बड़े शहरों का सफर तय किया जा सकेगा.
 
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391 kilometer highway will be built between these two districts in Uttar Pradesh, 9 districts will benefit

Saral Kisan , UP : दिल्‍ली-एनसीआर यानी नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ से देश के अन्‍य बड़े शहरों को जोड़ने का सिलसिला तेजी से चल रहा है. इसी कड़ी में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने गाजियाबाद से कानपुर के बी ग्रीनफील्‍ड कॉरिडोर बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच आने-जाने में महज 3.30 घंटे का समय लगेगा. भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले इस कॉरिडोर से दोनों औद्योगिक शहर और करीब आ जाएंगे. अभी गाजियाबाद से कानपुर आने-जाने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है.

इस एक्सप्रेसवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने वाली कंपनी पहले ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 3 विकल्प बताए हैं, जिस पर जुलाई में निर्णय लिया जाएगा. 380 किलोमीटर लंबे से ग्रीन फील्ड हाईवे को NHAI द्वारा ग्रीन हाईवे पॉलिसी के तहत बनाया जाएगा.

ये 10 शहर होंगे कवर

इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी, क्योंकि इसकी मदद से राज्य के 10 बड़े शहरों का सफर तय किया जा सकेगा. खास बात है कि इस हाईवे के तैयार होने के बाद गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर महज साढ़े 3 घंटे का हो जाएगा. फिलहाल NH-91 गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ता है व इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है. इसके जरिये करीब 8 घंटे का समय लगता है.

यह एक्‍सप्रेसवे इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो गाजियाबाद कानपुर 2 औद्योगिक शहरों को जोड़ेगा. अधिकारियों के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, उन्नाव और कन्नौज के सीमावर्ती क्षेत्रों से होते हुए गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ेगा.

नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की खासियतें

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ने वाले 4 लेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. इस कॉरिडोर में कहां एलिवेटेड, अंडरपास और कहां एंट्री व एग्जिट प्वाइंट होंगे. इसकी जानकारी डीपीआर अप्रूवल के बाद मिलेगी. गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा होगा.

इस परियोजना का लक्ष्य यात्रा के समय को कम करना और दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक 90% भूमि पहले ही अधिग्रहित कर ली है, और निर्माण जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. इस परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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