बीकानेर में 5 माह में तहसीलदार, नायब, पटवारी सहित 32 अधिकारी निलम्बित
Rajasthan News : बीकानेर जिले में जमीन की खरीद-फरोख्त और नामांतरण के मामलों में खूब खेल चल रहा है। आए दिन मामले सामने आ रहे हैं और अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हो रही है। इस साल महज 5 माह में ही बड़ी संख्या में उपपंजीयक, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी सहित 32 को निलम्बित किया जा चुका है। इन्हें चार्जशीट भी जारी की जा चुकी है। कई के खिलाफ जांच चल रही है।
बीकानेर की छत्तरगढ़ तहसील के गांव गौतीगढ़, नापासरिया, कुण्डा में 3500 बीघा सरकारी जमीन का अधिकारियों ने फर्जी नामांतरण कर दिया। इस मामले में 18 अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए गए हैं और उन्हें निलम्बित किया जा चुका है।
तत्कालीन तहसीलदार दीप्ति, कार्य व्यवस्था के लिए नायब तहसीलदार सरवरदीन, तत्कालीन तहसीलदार छत्तरगढ़ सुरेन्द्र कुमार जाखड़, कुलदीप सिंह व नायब तहसीलदार राजेश शर्मा, गिरदावर मकसूद अहमद (सेवानिवृत), गिरदावर सुभाष जांगिड़, मुकेश गोदारा, जसवीर सिंह, सुरेन्द्र गोयल, पटवारी सुशील मीना, वीरेन्द्र सिंह, अजेन्द्र सिंह, जयसिंह गुर्जर, देवराज (सेवानिवृत), विकास पूनिया, अनिता शर्मा, पेमाराम सारण को दोषी मानते हुए निलम्बित किया जा चुका है। कलक्टर ने दो गिरदावर व छह पटवारियों को पहले ही निलम्बित कर दिया है।
बीकानेर की पूगल तहसील में करीब 2 हजार बीघा सरकारी जमीन बेचने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार पूगल रामेश्वर गढ़वाल व आदित्य, तत्कालीन नायब तहसीलदार पूगल महेन्द्र सिंह मुवाल व कालूराम को भी निलम्बित किया जा चुका है। पूगल तहसील के भू अभिलेख निरीक्षक इकवाल सिंह व जयसिंह, कार्यालय कानूनगो भंवर लाल मेघवाल, पटवारी लूणाराम, मांगीलाल विश्नोई, राजेन्द्र स्वामी व विकास पूनिया को पहले ही निलम्बित किया जा चुका है।