उत्तर प्रदेश के इस शहर में 550 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा 32 किलोमीटर लंबा फोरलेन
Saral Kisan : उत्तर प्रदेश का बाराबंकी-बहराइच हाईवे करीब 98 किमी लंबा है, जिसमें बाराबंकी से बहराइच जिले की सीमा का करीब 32 किमी लंबा हाईवे जिले की सीमा में आता है। 10 साल पहले इस सड़क का चौड़ीकरण हुआ था। लेकिन यातायात के बढ़ते दबाव व महादेवा कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही इस हाईवे पर दबाव बढ़ गया है। आए दिन डायवर्जन किया जाता है। इससे सड़क हादसे बढ़ गए हैं। इसी को लेकर दो साल पहले एनएचएआई ने फोरलेन हाईवे का प्रस्ताव तैयार कर एनएचएआई मुख्यालय दिल्ली भेजा था। आखिरकार इसे मंजूरी मिल गई।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया दिल्ली के ऑफिसर इन इंचार्ज व जनरल मैनेजर सीएम द्विवेदी के अनुसार एनएच-927 पर बाराबंकी शहर से रामनगर क्षेत्र में बहराइच जिले की सीमा पर स्थित सरयू नदी के पुल तक 32 किमी लंबे फोरलेन हाईवे के लिए 550 करोड़ 35 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। चूंकि हाईवे फोरलेन होगा तो पुल की जरूरत भी पड़ी है। इसलिए बाराबंकी-बहराइच हाईवे को जोड़ने वाले संजय सेतु व रेलवे पुल के बीच में करीब एक किमी. 300 मीटर लंबा नया पुल भी बनेगा। पुल निर्माण के लिए 354 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। बाराबंकी से रुपईडीहा तक का कार्यक्षेत्र देखने वाले जूनियर इंजीनियर प्रमोद यादव ने बताया कि जरूरत पड़ी तो भूमि का अधिग्रहण भी किया जाएगा। लखनऊ-अयोध्या हाईवे की तरह से इस हाईवे पर डिवाइडर भी बनेगा।
संजय सेतु पर दबाव होगा कम
इस हाईवे के फोरलेन होने से बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, बलरामपुर जिलों के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। रोजाना इस हाईवे पर 20 हजार वाहन गुजरते हैं। इतना ही नहीं भारी दबाव के कारण आए दिन संजय सेतु क्षतिग्रस्त हो जाता है। नया पुल बनने से इस पुल पर भार कम होगा। दोनों पुलों पर यातायात वन वे हो जाएगा।
श्रद्धालुओं को मिलेगा इस रोड से लाभ
खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि बाराबंकी-बहराइच हाईवे के फोरलेन होने से महादेवा जाने वाले श्रद्धालुओं को चमाचम रोड मिलेगी। मंत्री ने बताया कि जनता की इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हेतमापुर केे पास सरयू नदी पर पुल निर्माण की मांग भी की जा रही है। सेतु निगम ने इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसकी भी पैरवी की जाएगी।