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उत्तर प्रदेश में इन 5 एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे 30 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जनवरी से काम होगा शुरू

UP Government: प्रदेश के 12 जिलों को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे पर 11 स्थलों को औद्योगिक गलियारे के लिए चुना गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1522 हेक्टेयर है.

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30 industrial corridors will be built along these 5 expressways in Uttar Pradesh, work will start from January

UP : लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए प्रस्तावित लगभग 60 किमी का इंटरलिंक एक्सप्रेस-वे (Interlink Expressway) लखनऊ के हर एंट्री पॉइंट से जुड़ेगा.   इसके लिए एक्सप्रेस-वे पर 4 interchange भी बनाए जाएंगे. यूपी के मुख्यमंत्री योगी (UP Chief Minister Yogi) के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने औद्योगिक गलियारे के लिए 30 स्थानों का सिलेक्शन कर लिया है. 

औद्योगिक गलियारों की स्थापना

5800 हेक्टेयर पर विकसित होने वाले औद्योगिक गलियारों के निर्माण पर करीब सात हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए प्रस्तावित लगभग 60 किलोमीटर का इंटरलिंक एक्सप्रेस-वे लखनऊ के हर एंट्री पॉइंट से जोड़ा जाएगा. इसके लिए एक्सप्रेस-वे पर 4 इंटरचेंज भी बनाए जाएंगे.

यूपी के सभी एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा

इसके लिए 1400 करोड़ रुपये से 700 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि इंटरलिंक एक्सप्रेस-वे का पूरा प्रॉजेक्ट लगभग 4500 करोड़ रुपये का है. यह ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होगा, जो यूपी के सभी एक्सप्रेस-वे मसलन बुंदेलखंड, गंगा, गोरखपुर लिंक और यमुना एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा. यह 6 लेन का होगा, जिसे 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा.

अगले साल ज़मीन अधिग्रहण

यूपीडा ने प्रॉजेक्ट का डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए प्री बिड मीटिंग 1 दिसंबर को की जाएगी और 26 दिसंबर को बिड खुलेगी. 

सीएम योगी को विवरण

अभी हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी के सामने इन पांचों एक्सप्रेसवेज के किनारे चिह्नित औद्योगिक गलियारों का विवरण प्रस्तुत किया.  

इंटरलिंक एक्सप्रेस-वे क्यों ज़रूरी ?

हर दिन लगभग 27 हजार वाहन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर से गुजरते हैं, जिनमें 9500 भारी वाहन होते हैं.  पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर औसतन ग्यारह हजार व्हीकल रोज गुजरते हैं, जिनमें करीब 3500 हैवी वाहन होते हैं.  इनमें से आधे वाहन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से उतरकर पूर्वांचल या पूर्वांचल से उतरकर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर जाते हैं. इनकी संख्या आगे और बढ़ने का अनुमान है. इन शहर के बीच से गुजरने वाले इस ट्रैफिक को अच्छी कनेक्टविटी उपलब्ध करवाने के लिए इंटरलिंक एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित किया गया है.  इससे दिल्ली से लेकर गोरखपुर और बक्सर तक और प्रयागराज से आगरा तक की यात्रा का समय कम हो जाएगा. इनके बनने से शहर के बीच में जाम कम लगेगा.

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