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Delhi में यहां बिछाई जाएगी 65 किलोमीटर की 3 रेलवे लाइन, बनेंगे 45 नए स्टेशन

Delhi Metro : दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर। दरअसल हाल ही में आए एक अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि दिल्ली में यहां  65 किलोमीटर की तीन नई रेलवे लाइन बिछाई जाएंगी। जानकारी के अनुसार, मजलिस पार्क से मौजपुर यानी पिंक लाइन पर 12.3 किलोमीटर के कॉरिडोर का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
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 Delhi में यहां बिछाई जाएगी 65 किलोमीटर की 3 रेलवे लाइन, बनेंगे 45 नए स्टेशन

Saral Kisan ( New Delhi ) : दिल्लीवालों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली की लाइफलाइन मानी जाने वाली मेट्रो का विस्तार होने जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानी DMRC फिलहाल राजधानी में तीन कॉरिडोर के 65 किलोमीटर निर्माण पर काम कर रही है। इन कॉरिडोर में पिंक और मैजेंटा लाइन का विस्तार के साथ नई सिल्वर लाइन का कॉरिडोर शामिल है। इन तीनों कॉरिडोर पर कुल 45 नए मेट्रो स्टेशन होंगे।

जानकारी के अनुसार, मजलिस पार्क से मौजपुर यानी पिंक लाइन पर 12.3 किलोमीटर के कॉरिडोर का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। वहीं जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम यानी मैजेंटा लाइन और नई सिल्वर लाइन जो एयरपोर्ट से तुगलकाबाद तक होगी, का निर्माण मार्च 2026 तक पूरा हो सकता है। हालांकि, DMRC इस साल जुलाई में परिचालन के लिए जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन तक 2 किलोमीटर के अंडरग्राउंड बने सेक्शन को खोलने का प्लान बना रही है।

कृष्णा पार्क एक्सटेंशन पर काम अंतिम चरण में

कृष्णा पार्क एक्सटेंशन, जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर के इस 2 किलोमीटर सेक्शन पर एकमात्र स्टेशन है। DMRC के एक अधिकारी के अनुसार, दोनों तरफ टनलिंग का काम पूरा हो चुका है और कृष्णा पार्क एक्सटेंशन स्टेशन पर काम अपने अंतिम चरण में है। ट्रैक बिछाने का काम अभी जारी है। DMRC के अधिकारियों ने बताया है कि तीनों कॉरिडोर में 45 फीसदी से ज्यादा सिविल वर्क पूरा हो चुका है। महामारी के कारण शुरुआती बाधाओं के बावजूद, चौथे चरण के कॉरिडोर का निर्माण कार्य अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है।

कहां कितना काम हुआ पूरा?

जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग तक मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन पर लगभग 49 फीसदी सिविल वर्क पूरा हो गया है। एक बार 29.2 किलोमीटर लंबा जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर चालू हो जाने के बाद, यह मौजूदा 37.4 किलोमीटर लंबे जनकपुरी पश्चिम-बॉटनिकल गार्डन कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। वहीं मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर का 50 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो गया है। इसके चार स्टेशनों - बुराड़ी, झरोड़ा माजरा, जगत्पुर गांव और खजूरी खास पर फिनिशिंग और छत बनाने का काम चल रहा है। यमुना पुल पर फिलहाल में सुपरस्ट्रक्चर का काम चल रहा है। यह 12.3 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर मजलिस पार्क से शिव विहार तक पिंक लाइन का विस्तार है, जो इसे DMRC के नेटवर्क में सबसे लंबी लाइन बनाता है।

एअरपोर्ट-तुगलकाबाद सेक्शन का लगभग 40 फीसदी काम पूरा हो गया है। किशनगढ़ क्रॉसओवर से हौजरानी रैंप तक एक टनलिंग स्ट्रेच पूरा हो चुका है। तुगलकाबाद इंटरचेंज स्टेशन पर निर्माण कार्य जारी है, जिसमें स्टेशन बॉक्स का निर्माण, प्लेटफॉर्म के लिए डी-दीवारों को पूरा करना और भूमिगत पार्किंग सुविधा शामिल है। एयरपोर्ट इंटरचेंज स्टेशन पर भी काम शुरू हो गया है।

ये नए मेट्रो स्टेशन जुड़ेंगे

चौथे चरण में कुल 65 किलोमीटर में से 28 किलोमीटर भूमिगत होगा और बाकी के लिए पुल बनाए जाएंगे। विस्तार में 11 नए इंटरचेंज स्टेशनों का निर्माण शामिल होगा, जिनमें जनकपुरी पश्चिम, पीरागढ़ी, पीतमपुरा, हैदरपुर बादली मोर, मजलिस पार्क, आजादपुर, पुलबंगश, आरके आश्रम मार्ग, एयरपोर्ट, छतरपुर और तुगलकाबाद शामिल हैं।

आजादपुर मेट्रो स्टेशन पर में तीन लाइनें जुड़ेंगी

आजादपुर मेट्रो स्टेशन चौथे चरण में येलो, पिंक और मैजेंटा लाइन को जोड़ने वाला नेटवर्क का दूसरा 'ट्रिपल इंटरचेंज फैसिलिटी' बन जाएगा। कश्मीरी गेट फिलहाल में तीन कॉरिडोर को जोड़ने वाला एकमात्र स्टेशन है। तीनों कॉरिडोर में तीन डबल डेकर वायडक्ट होंगे, जिसमें ऊपरी डेक पर मेट्रो वायडक्ट और निचले डेक पर फ्लाईओवर होगा। ये डबल डेकर वायडक्ट भजनपुरा और यमुना विहार, आजादपुर और अशोक विहार नगर स्टेशन और संगम विहार और आंबेडकर नगर स्टेशनों के बीच स्थित होंगे।

नए मेट्रो स्टेशन पर क्या-क्या सुविधाएं होंगी?

DMRC आगामी स्टेशनों पर 10 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने की योजना बना रही है, जिससे हर साल लगभग एक करोड़ यूनिट सोलर एनर्जी पैदा होने की उम्मीद है। फिलहाल, दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में स्थापित रूफटॉप प्लांट के माध्यम से लगभग 50 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करती है। सभी 45 स्टेशन प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) से लैस होंगे। एलिवेटेड स्टेशनों में आधी ऊंचाई वाले PSD होंगे, जबकि भूमिगत स्टेशनों में पूरी ऊंचाई वाले PSD होंगे। DMRC के एक अधिकारी के अनुसार, PSD मुख्य रूप से भीड़ प्रबंधन सुविधा के रूप में स्थापित किए जाते हैं और यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करते हैं। स्टेशनों को राष्ट्रीय कॉमन मोबिलिटी कार्ड-अनुपालन स्वचालित किराया संग्रह (AFC) प्रणाली के साथ विकसित किया जा रहा है। आगामी स्टेशनों में मेट्रो ट्रेनों का संचालन बिना ड्राइवर के होगा।

DMRC में कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में स्टेशन काफी एडवांस होंगे। इन स्टेशनों में लिफ्ट, एस्केलेटर और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर जैसी नवीनतम यात्री-अनुकूल सुविधाएं होंगी। इसके अलावा, स्टेशन भवनों को सोलर पैनल और वर्षा जल संचयन सुविधाओं की स्थापना के प्रावधानों के साथ 'ग्रीन' इमारतों के रूप में डिजाइन किया जा रहा है।

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