उत्तर प्रदेश में 24 हजार करोड़ खर्च से होगा बिजली में सुधार, इस शहर में बनेंगे 24 नए उपकेंद्र
Saral Kisan : पीक आवर्स में सबसे अधिक बिजली सप्लाई का रिकार्ड बनाने के बाद उत्तर प्रदेश अब हर क्षेत्र को 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की तरफ बढ़ रहा है। हर क्षेत्र को बिना परेशानी के बिजली मिले। इसके लिए करीब 24 हजार करोड़ की योजनाओं पर कार्य आरंभ किया गया है जो कि नये वर्ष 2024 में पूरे होने हैं। इन कामों के पूर्णतया समाप्त हो जाने पर लोगों को तय समय सारणी के मुताबिक भरपूर बिजली मिलने लगेगी। यूपी में बिजली सुधार के लिए केंद्र सरकार की योजना आरडीएसएस से 17 हजार करोड़ रुपये, पावर कारपोरेशन के बिजनेस प्लान से करीब 5 हजार करोड़ रुपये और नगरीय निकायों के तहत 1000 करोड़ रुपये का काम मौजूदा समय में शुरू किया गया है। इन योजनाओं का काम 2024 में पूरा होगा।
34 नए बिजली उपकेंद्र देंगे 15 लाख लोगों को राहत
लखनऊ की बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए 34 नये उपकेंद्र बनेंगे। इससे करीब 15 लाख आबादी को बिजली कटौती व लो-वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। प्रत्येक उपकेंद्र की लागत पांच से छह करोड़ रुपये आएगी। ओवरलोड ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि होगी। एबीसी लाइन बिछाकर बिजली सप्लाई दी जाएगी। नई अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी। बिजली मीटर घरों से बाहर लगेंगे। बिजली के जर्जर पोल बदले जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी
2023 में उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम की ओबरा-सी परियोजना की पहली यूनिट से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू हुआ। नये वर्ष 2024 में ओबरा-सी की 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट तथा जवाहरपुर तापीय परियोजना की 1320 मेगावाट क्षमता की दो यूनिटों से भी बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। मेजा, पनकी, घाटमपुर की बिजली उत्पादन परियोजनाओं से भी उत्पादन शूरू होने की उम्मीद हैं। इसके अलावा 7000 मेगावाट क्षमता के सोलर संयंत्र का काम भी चल रहा है।
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