राजस्थान में नई बिछेगी 185km की पटरियां, इन क्षेत्रों से गुजरेगी नई रेल लाइन
Rajasthan News : राजस्थान में रेलवे ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जनता की लगभग तीस वर्ष पुरानी मांग को पूरा करने के लिए अब ठोस प्रयास शुरू हो गए हैं। नई 185 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन को राज्य के प्रमुख जिलों के बीच बिछाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

Indian Railways: राजस्थान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कदम उठाया है। जनता की तीस साल की मांग पूरी होने की दिशा में प्रगति हो रही है। राजस्थान के इन जिलों के बीच एक 185 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाने की मांग पूरी होने लगी है। डीपीआर रेलवे बोर्ड को इस नई रेलवे लाइन का प्रस्ताव भेजा गया है। यह रेलवे लाइन भारत-पाकिस्तान सीमा के पास से गुजरती है, जो इसे महत्वपूर्ण बनाता है।
तीस वर्ष की मांग पूरी
सीमावर्ती अनूपगढ़ को रेल नेटवर्क से जोड़ने की 30 वर्ष पुरानी मांग पूरी होने की ओर है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने बीकानेर से अनूपगढ़ तक प्रस्तावित 185 किलोमीटर की नई रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी है। रेलवे बोर्ड ने परियोजना को दो हिस्सों में बांटा है। बीकानेर से अनूपगढ़ की दूरी लगभग 130 किमी है। खाजूवाला से रोजड़ी की दूरी ५५ किलोमीटर है। इस रेलमार्ग पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे।
बता दे की Jun 2022 में, रेल मंत्रालय ने 75 लाख रुपये का मूल्यांकन कराया था। सर्वे रिपोर्ट ने अच्छा संकेत दिया। अब अंतिम लोकेशन सर्वे का मूल्य 4.62 करोड़ रुपए होगा। नई ट्रेन अनूपगढ़, घड़साना, छत्तरगढ़, खाजूवाला, रोजड़ी और रावलामंडी के गाँवों को जोड़ेगी। वर्तमान में यात्रियों को सूरतगढ़, जो काफी दूर है, से दूर जाना पड़ता है। नई लाइन कम होगी। इससे क्षेत्र में व्यापार, कृषि और उद्योगों का विस्तार होगा। साथ ही आपको नौकरी के नए अवसर मिलेंगे।
नई ट्रेनों के संचालन की संभावना
बीकानेर-लालगढ़ के बीच डबल ट्रेक बनने पर बीकानेर से कई नई ट्रेनों के संचालन की संभावना बढ़ जाएगी। मंडल में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। दोहरीकरण से लंबे रूट की ट्रेनों के संचालन में आसानी होगी। ट्रेनों को सिग्नल के इंतजार में स्टेशन पर खड़ा नहीं रखना पड़ेगा। यह रेल लाइन भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट होने के कारण भी महत्वपूर्ण है। इसकी सिफारिश सैन्य और अर्द्धसैनिक बलों ने भी की है। इस रेल मार्ग से सैन्य सामग्री, दवा और आपूर्ति से संबंधित आवश्यक वस्तुओं का निर्बाध परिवहन किया जा सकेगा, जिससे आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा बलों की तैयारी को बल मिलेगा।
जिप्सम भंडार परिवहन आसान होगा
बीकानेर संभाग में जिप्सम के बड़े भंडार मौजूद हैं, और इनका प्रभावी परिवहन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था बल्कि भारतीय रेलवे के लिए भी राजस्व का बड़ा स्रोत बन सकता है। बीकानेर संभाग में बहुत सारे जिप्सम भंडार होने के कारण रेल परिवहन उपयुक्त हो सकता है। लाखों मीट्रिक टन जिप्सम के परिवहन से स्थानीय खनिज संसाधनों का व्यावसायिक उपयोग बढ़ेगा और रेलवे का राजस्व बढ़ेगा।