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MP में बनेगा 15 किलोमीटर लंबा अहिल्या पथ, 8 गांवो की जमीन का होगा अधिग्रहण

MP News :मध्य प्रदेश के इस जिले के लोगों को मिली अहिल्या पथ की सौगात, 14 सौ हेक्टेयर जमीन पर किया जाएगा पथ का निर्माण, परियोजना में खर्च की जाएगी 400 करोड रुपए राशि, जिले के आठ गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर बदले में दिए जायेंगे 50% विकसित प्लाट।

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MP में बनेगा 15 किलोमीटर लंबा अहिल्या पथ, 8 गांवो की जमीन का होगा अधिग्रहण

MP News :  मध्य प्रदेश में इंदौर विकास प्राधिकरण के बजट में प्रस्तावित अहिल्या पथ को मंगलवार को अफसरों के बोर्ड ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। लोकसभा अध्यक्ष के बेहद व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद अफसरों ने बोर्ड बैठक के लिए समय निकाला और आनन-फानन में योजना को मंजूरी दे दी। अब आईडीए धारा 50-1 के तहत कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजेगा। शासन से अधिसूचना जारी होने के बाद योजना की घोषणा की जाएगी। 

किसानों को सूचना पत्र भेजेंगे 

किसानों को नियमानुसार सूचना पत्र जारी किए जाएंगे। उनके दावे-आपत्तियों का निराकरण भी करना होगा। 15 किमी लंबा अहिल्या पथ 1400 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर बनाया जाएगा। इसके निर्माण पर 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए आठ गांवों की वे जमीनें ली जाएंगी, जिन पर वर्तमान में किसान साल में तीन से चार बार खेती कर रहे हैं। किसानों को उनकी जमीन लेने के बाद 50 फीसदी विकसित भूखंड दिए जाएंगे।  बैठक में संभार आयुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, सीईओ रामप्रकाश अहिरवार, टीएंडसीपी संयुक्त संचालक डॉ. शुभाशीष बनर्जी, डीएफओ महेंद्र सोलंकी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

अलग अलग योजनाओ में होगा निर्माण 

ये हैं 5 चरण क्षेत्रफल, हेक्टेयर ग्राम सड़क की चौड़ाई
अहिल्या पथ 1 227 नैनोंद, रिजलाया  4.55 किमी 
अहिल्या पथ 2 450  बुढानिया, बड़ा, बांगडदा 1.80
अहिल्या पथ 3 214  पालाखेड़ी, बुढानिया 2.40
अहिल्या पथ 4 338 पालाखेड़ी, लिंबोदागारी 1.25
अहिल्या पथ 5 171 रेवती, बारदरी 5

मास्टर प्लान की पुरानी सड़कें भी सालों से अधूरी पड़ी हैं।

मास्टर प्लान में सड़कें प्रस्तावित होने के बाद आईडीए द्वारा इन्हें पूरा कराया जाता है। मेजर रोड (एमआर रोड) की बात करें तो हर पखवाड़े अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है, लेकिन एक भी पूरी तरह से नहीं बन पा रहा है। आउटर रिंग भी पिछले बजट में पास हुई थी, लेकिन इसके लिए भी किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं। एमआर-3, 11, आरई-2 सहित अन्य सड़कें जो सालों से अधूरी पड़ी हैं। अब अहिल्या पथ का जिम्मा आईडीए ने उठाया है। नायता मुंडला में आईएसबीटी बनकर तैयार है, लेकिन यहां एप्रोच रोड नहीं बन पा रही है। एमआर-11 के लिए भी दर्जनों बार निरीक्षण हो चुके हैं।

पुराने प्रोजेक्ट जो अभी पूरे नहीं हुए

आईडीए ने टाउन एंड प्लानिंग स्कीम 1 से 10 तक घोषित कर दी है। इनमें विकास कार्य चल रहे हैं। सब इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की पहले से ही कमी है। वहीं स्टार्टअप कॉम्प्लेक्स, कन्वेंशन सेंटर, चार निर्माणाधीन पुल समेत पुरानी योजनाओं में अभी भी काफी काम बाकी है। ऐसे में अहिल्या पथ के रूप में नया क्षेत्र खोलने से आईडीए इंजीनियर पर और अधिक बोझ पड़ेगा।

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