उत्तर प्रदेश में बनेगा 112 किलोमीटर लंबा ग्रीन हाईवे, 96 गांवों को मिलेगा तगड़ा फायदा
कानपुर से कबरई तक नया ग्रीन हाईवे बनाने के लिए बजट का इंतजार किया जा रहा है। इस हाईवे की कुल लंबाई 112 किलोमीटर होगी जिससे बनाने में करीबन 3700 करोड़ का खर्च आएगा। इस हाइवे के द्वारा फतेहपुर हमीरपुर और महोबा के 96 गांव से जुड़ा जा सकेगा।

Saral Kisan, Kanpur kabrai green field expressway : उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से बनाए जा रहे कानपुर कबरई ग्रीन हाईवे की डीपीआर तैयार होने के साथ ही बजट को स्वीकृति मिल जाएगी। कई दिनों पहले सड़क परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक सदस्य IRS विशाल चौहान ने स्थलीय निरीक्षण किया था और एनएचएआई के अधिकारीयों के साथ एक बैठक की थी।
उन्होंने बताया कि इसकी विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के परियोजना निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 जून तक डीपीआर कौशल स्वीकृति मिलने के बाद बजट को हरी झंडी मिल जाएगी।
बताया जा रहा है कि कानपुर-कबरई में ग्रीन हाईवे निर्माण को लेकर मार्च महीने में स्वीकृति प्रदान की गई थी। कानपुर से कबरई तक बनाए जा रहे इस फोरलेन की कुल लंबाई 112 किलोमीटर होगी। जिसे बनाने के लिए करीबन 3700 करोड़ का अनुमानित खर्च बताया गया है।
भारतीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के आदेश पर ग्रीन हाईवे के निर्माण की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। यह ग्रीन हाईवे उत्तर प्रदेश के कई शहर जैसे कानपुर नगर फतेहपुर हमीरपुर और महोबा के 96 गांव से होकर गुजरेगा।
इस हाईवे को बनाने के बाद कानपुर सागर मार्ग से काफ़ी भीड़ कम हो जाएगी। स्क्रीन हाईवे को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह मनाया जाएगा। साल 2021 में भारत सरकार ने कानपुर सागर नेशनल हाईवे का भार कम करने और उसके सामानांतर महोबा जिले से होकर ग्रीन हाईवे बनाने का निर्णय लिया था।
NHAI के अधिकारीयों ने बताया कि बीते सप्ताह सड़क परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक सदस्य विशाल चौहान झांसी जाते वक्त प्रस्तावित हाईवे की समीक्षा करते निकले थे। इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और इसी महीने 25 जून तक डीपीआर के साथ ही बजट को स्वीकृति मिलने का अनुमान है।
कानपुर कबरई हाईवे को लेकर डीपीआर की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। बीते दिनों मंत्रालय की प्रशासनिक सदस्य टीम भी इसका निरीक्षण कर चुकी है और उम्मीद लगाई जाती है कि 25 जून तक बजट स्वीकृत कर लिया जाएगा। पंकज यादव परियोजना निदेशक, NHAI