दिल्ली की इस मेट्रो लाइन पर बनेंगे 11 नए स्टेशन, अगले साल निर्माण होगा पूरा
Saral Kisan : आगामी साल तक देश की पहली और इकलौती रिंग मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा. संभवत: यह देश का सबसे लंबा मेट्रो रूट होगा जिसकी लंबाई करीब 71.5 किलोमीटर होगी. इसके बन जाने से बहादुरगढ़, रोहतक व फरीदाबाद समेत हरियाणा के कुछ अन्य इलाकों से दिल्ली पहुंचना काफी आसान हो जाएगा. यहां रहने वाले लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पहुंचने में काफी मदद मिलेगी. इसे दिल्ली के चारों और बनाया जाएगा और ये लगभग हर प्रमुख मेट्रो लाइन से जुड़ेगी. 2024 तक इसका एक फेज, मजलिस पार्क से मौजपुर, पूरा किये जाने की उम्मीद है.
रिंग मेट्रो का काम दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत किया जा रहा है. इसका काम करीब 30 महीने की देरी से चल रहा है. देरी की वजह पेड़ काटने के लिए वन विभाग की अनुमति और जमीन अधिग्रहण को बताया जा रहा है. इस मेट्रो लाइन के नीचे एक पुल बनेगा और फिर उसके नीचे सड़क पर भी परिचालन होगा. यानी यह मेट्रो लाइन ट्रिपल डैकर होगी.
11 इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन
रिंग मेट्रो लाइन पर कुल 11 इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे. इनके नाम इस प्रकार हैं- राजौरी गार्डन, पंजाबी बाग पश्चिम, आजादपुर, नेताजी सुभाष पैलेस, दिल्ली हाट, आईएनए, लाजपतनगर, मयूर विहार फेज-1, आनंद विहार आईएसबीटी, दुर्गाबाई देशमुख मार्ग, कड़कड़डूमा और वेलकम स्टेशन. रिंग मेट्रो का 58 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है. इसके जून 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.
पहले से मौजूद हैं 35 स्टेशन
उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिल्ली को जोड़ने के लिए 12.55 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक बनाया जाएगा. आपको बता दें कि पहले से काम कर रही मेट्रो लाइन को ही आपस में जोड़कर रिंग मेट्रो का निर्माण किया जा रहा है. मजलिस पार्क और मौजपुर सेगमेंट पूरा हो जाने के बाद पिंक लाइन (मजलिस पार्क से गोकुलपुरी) रिंग मेट्रो बन जाएगी. रिंग मेट्रो के लिए पहले से 35 स्टेशन मौजूद हैं.
प्रोजेक्ट की कीमत बढ़ी
इस परियोजना में देरी के कारण अनुमानित खर्च 15 फीसदी तक बढ़ गया है. इसका पुराना बजट 10,479 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 12,048 करोड़ रुपये हो गया है. इस लाइन के साथ-साथ रिंग रोड भी तैयार होगी जिसका फायदा, दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और बहादुरगढ़ के लोगों को होगा.
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