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बीते वर्ष हाइब्रिड कारों की बिक्री में आया उछाल, EV गाड़ियों को छोड़ा पीछे

Hybrid Vehicles :भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के ट्रेंड में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। देश में लोग हाइब्रिड कारों पर भरोसा कर रहे हैं, जबकि इनकी कीमत ईवी से दोगुनी है। अप्रैल-जून के बीच हाइब्रिड वाहनों ने ईवी की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है।
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पिछले साल हाइब्रिड की बिक्री में 30% की वृद्धि हुई, जो ईवी से दोगुनी महंगी है

Hybrid Vehicles : भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के ट्रेंड में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। देश में लोग हाइब्रिड कारों पर भरोसा कर रहे हैं, जबकि इनकी कीमत ईवी से दोगुनी है। अप्रैल-जून के बीच हाइब्रिड वाहनों ने ईवी की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। वाहन डैशबोर्ड डेटा के अनुसार, अप्रैल से 11 जून के बीच देश में 7,500 रुपये प्रति महीने की दर से 15,000 ईवी बेचे गए, जबकि हाइब्रिड की बिक्री 59,814 रही।

शुद्ध इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 8 लाख रुपये से शुरू होती है, जबकि हाइब्रिड कारों की कीमत 17 लाख रुपये से शुरू होती है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, फरवरी में अमेरिका में हाइब्रिड की बिक्री ईवी की बिक्री से पांच गुना तेजी से बढ़ी।

भारतीय ईवी के बजाय हाइब्रिड कारों को क्यों पसंद कर रहे हैं?

बेहतर माइलेज : हाइब्रिड कारें बेहतर माइलेज देती हैं। यह लंबे रूट पर 25-30 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है।

कम रनिंग कॉस्ट : ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों के अनुसार, हाइब्रिड कारों की रनिंग कॉस्ट लंबे समय में ईवी से कम होती है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई चिंता नहीं : चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी ईवी के लिए एक बड़ी समस्या है। हाइब्रिड कारें ईंधन और बैटरी दोनों पर चल सकती हैं।

रेंज की चिंता नहीं : ईवी में रेंज की चिंता यानी कम चार्जिंग में लंबी दूरी तय करने की चिंता भी बनी रहती है। हाइब्रिड कारें इस चिंता से राहत देती हैं। बैटरी चार्ज न होने की स्थिति में इसे पेट्रोल से चलाया जा सकता है।

कार्बन उत्सर्जन में कमी : विशेषज्ञों के अनुसार, हाइब्रिड कारें कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मददगार हैं। इससे देश को महंगे कच्चे तेल के आयात में कटौती करने में मदद मिलती है।

ऑटो कंपनियां भी हाइब्रिड पर ध्यान दे रही हैं

ऑटो कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हाइब्रिड कारों की बिक्री में पिछले साल 30% से अधिक की वृद्धि हुई है। यही कारण है कि मारुति सुजुकी, टोयोटा जैसी जापानी वाहन निर्माता कंपनियां ईवी के बजाय हाइब्रिड पर जोर दे रही हैं।  गुंडई की योजना 2026 तक भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार लॉन्च करने की भी है।

हाइब्रिड कार ईंधन और बैटरी दोनों से चलती है

इस वाहन में पेट्रोल या डीजल की तरह आंतरिक दहन इंजन (ICE) के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बैटरी भी होती है, जो वाहन की रेंज और ईंधन दक्षता बढ़ाने में सहायक होती है। पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों के अलावा दुनिया में स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, माइल्ड हाइब्रिड, प्लग इन हाइब्रिड और प्योर इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है।

 

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