पुरानी या फिर नई कार, कौन सा ऑप्शन आपके लिए रहेगा बेहतर
Second hand or new car which one is good : आज के समय में हर कोई नई कार खरीदना चाहता है। लेकिन महंगाई का इस समय में सबसे सस्ती कार भी आपको 5 लाख रुपए से कम में नहीं मिलेगी। सब कुछ सोच समझ कर कई लोग सेकंड हैंड कार खरीदने का ऑप्शन सही मानते हैं। तो कई लोग इसी बात में उलझे रहते हैं की नई कर खरीदी जाए या फिर सेकंड हैंड। आज हम आपके इसी आसमजस को खत्म करने के लिए आपको समझाना चाहते हैं की नई कार खरीदना सही रहेगा या फिर पुरानी। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
पुरानी कार के बारें में समझे
एक नई कार की उम्र करीबन 10 से 15 साल होती है। अगर कार को बिना ज्यादा मरम्मत के भी चलाया जाए तो यह है डेढ़ लाख किलोमीटर आसानी से चल सकती है। इस हिसाब से निकाल कर देखा जाए तो साल में करीबन 10000 किलोमीटर चलती है। और अगर 3 साल के हिसाब से देखें तो यह 30000 किलोमीटर चली है। 3 साल पुरानी कार की कंडीशन को अच्छा माना जा सकता है। इस तरह की कर आपको मार्केट में आसानी से सस्ती मिल जाएगी।
नई कार का गणित
महंगाई किस दौर में अगर आप नई कार खरीदने चाहते हैं, तो आज हम आपको एक उदाहरण के माध्यम से बताना चाहते हैं। मान लीजिए कि आप मारुति बलेनो जेटा पेट्रोल वेरिएंट कर खरीदना चाहते हैं जिसकी ऑन रोड कीमत करीबन ₹900000 होती है। अगर आप इस कार पर ₹5 लाख का लोन लेना चाहते हैं तो 6 साल में 10 फ़ीसदी ब्याज के हिसाब से आपको 6.50 लाख रुपए चुकाने होंगे। यानी नई कार पर आपका कुल खर्च 10.50 लाख रुपए आ जाएगा। लोन लेने से यह कार आपको 1.5 लाख रुपए महंगी पड़ेगी।
वहीं अगर आप 3 साल चली हुई सेकंड हैंड कार खरीद कर लाते हैं तो यह आपको करीबन 4.50 लाख रुपए में पड़ेगी। इससे आप करीबन से 6 लाख रुपए की बचत कर सकते हैं। अगर आप पुरानी कर को ठीक करवाने में ₹50000 खर्च कर देते हैं तो भी आपको 5.50 लाख रुपए की बचत होगी।