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Electric Vehicle : इलेक्ट्रिक वाहनों में आने वाली है वायरलेस चार्जिंग तकनीक, जानिए कैसे करेगी काम

Charging Infrastructure : दुनिया धीरे-धीरे जैसे ही भविष्य की ओर बढ़ रही है। उसी को देखते हुए वाहन औद्योगिक सेक्टर में क्रांति देखने को मिल रही है। आज हम आपको वायरलेस इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक के बारे में बताने वाले हैं। इस तकनीक के द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने का तरीका बदल जाएगा।

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Electric Vehicle : इलेक्ट्रिक वाहनों में आने वाली है वायरलेस चार्जिंग तकनीक, जानिए कैसे करेगी काम 

Electric Vehicle : दुनिया धीरे-धीरे जैसे ही भविष्य की ओर बढ़ रही है। उसी को देखते हुए वाहन औद्योगिक सेक्टर में क्रांति देखने को मिल रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की कामयाबी को देखते हुए यह एक इंटरनल कंजप्शन इंजन यानी लोगों के लिए ग्रीन एनर्जी का सबसे बड़ा ऑप्शन है। आज के समय में इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर के सामने सबसे बड़ी चुनौती सुविधाजनक सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर की है। 

वायरलेस इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक

आज हम आपको वायरलेस इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक के बारे में बताने वाले हैं। इस तकनीक के द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने का तरीका बदल जाएगा। इस तकनीक के माध्यम से एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जा सकती है जहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए एक विशेष पार्क इंग बनाई जाएगी जहां चार्जिंग का संकेत मिलते ही एक रोशनी दिखेगी और गाड़ी अपने आप चार्ज होना शुरू हो जाएगी। तार और प्लग वाली समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। 

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भविष्य को लेकर जैसा हम सोच रहे हैं उससे कहीं ज्यादा आसान है। कई स्टार्टअप कंपनियों के प्रयासों से वायरलेस चार्जिंग की तकनीक को कामयाब किया जा सकता है। वायरलेस चार्जिंग के लिए रेजोनेंस और चार्जिंग पद का इस्तेमाल करके एक पावर ट्रांसमिटिंग फील्ड तैयार किया जाता है। जब गाड़ी के नीचे रिसीवर में कोयल चार्जिंग पद में कोयल के साथ एलाइन होता है, तो रिसीवर एनर्जी कैप्चर करने लगता है और कर की बैटरी चार्ज होने लगती है। 

तकनीक

वायरलेस चार्जिंग की तकनीक को कामयाब करने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग स्पीडहै। वर्तमान में प्रयोग किए जाने वाले वायरलेस चार्जर लेवल 2 के होने की वजह से सार्वजनिक स्टेशनों पर पाए जाने वाले डीसी फास्ट चार्जर से धीमे में होते हैं। मौजूदा एव वायरलेस चार्जर को रेट्रो फिट करना भी महंगा पड़ता है और वारंटी भी रद्द हो जाती है। 

हालांकि बता दे की वायरलेस चार्जिंग को बढ़ावा देने के लिए चीन और दक्षिणी कोरिया में कई वाहन निर्भरता कंपनी वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रही है। फिलहाल के लिए गोल्फ कार्ट और हल्के वाहनों के लिए वायरलेस चार्जिंग सिस्टम शुरू किया गया है। जिनका भविष्य में विस्तार किया जा सकता है। वायरलेस इलेक्ट्रिक चार्जिंग अभी शुरुआती चरण में होने के कारण तकनीक ने प्रगति नहीं की है। लेकिन दिन रात बढ़ रही वाहन निर्माता की रुचि को देखते हुए यह तकनीक भविष्य में कामयाब हो सकती है। 

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