ऑटो इंश्योरेंस के नियमों में हुआ बदलाव, 7 दिन में मिलेगा क्लेम का पैसा, वाहन मालिकों के लिए जरूरी है थर्ड पार्टी बीमा
Motor Vehicles Insurance : बीमा नियामक में जनरल इंश्योरेंस मोटर बीमा के संबंध में उपभोक्ताओं के हित में कड़े का नियम बनाए हैं। अब बीमा क्लेम को निपटने के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। ऑटो इंश्योरेंस कंपनियों को सख्ती से इन नियमों का पालन करना होगा।
Auto Insurance : बीमा ग्राहकों के लिए क्लेम सिस्टम को आसान बनाने में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। हाल ही में किए गए बदलाव मोटर वाहन बीमा नियमों के लिए हुए हैं। वाहन चालकों के लिए थर्ड पार्टी का बीमा होना जरूरी कर दिया है। पकड़े जाने पर अगर बीमा नहीं मिलता है तो वाहन मालिक के खिलाफ सजा और जुर्माना के रूप में सख्त कार्रवाई हो सकती है। अब वाहन मालिकों को डॉक्यूमेंट पूरा नहीं होने का बहाना बीमा कंपनियां नहीं कर सकेगी। बीमा क्लेम से संबंधित सभी कार्यों को 7 दिन में निपटाना होगा।
बीमा नियामक में जनरल इंश्योरेंस मोटर बीमा के संबंध में उपभोक्ताओं के हित में कड़े का नियम बनाए हैं। अब बीमा क्लेम को निपटने के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। ऑटो इंश्योरेंस कंपनियों को सख्ती से इन नियमों का पालन करना होगा।
अब खारिज नहीं होगा बीमा क्लेम
विमान यमक के अनुसार अब डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं होने या फिर काम होने के चलते बीमा क्लेम को खारिज नहीं किया जा सकता। आईआरडीएआई ने बताया कि जब पॉलिसी होल्डर क्लेम अप्लाई करता है तो बीमा कंपनी को क्लेम सेटलमेंट में लगने वाले समय के बारे में बताना होगा। बीमा कंपनियों को वेबसाइट और ग्राहक सूचना पत्र पर सेटलमेंट के डेट लाइन डालनी होगी। बीमा कंपनियों को 7 दिन के अंदर क्लेम का निपटारा करना होगा।
बिना बीमा के चलाया वाहन तो होगी सजा
सड़क परिवहन और राज मंत्रालय द्वारा बनाई गई मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 146 के अनुसार भारतीय सड़कों पर चलने वाले वाहनों को थर्ड पार्टी का रिकॉर्ड बीमा रखना जरूरी है। क्योंकि थर्ड पार्टी बीमा कर होने पर एक जिम्मेदार सड़क उपयोगकर्ता का अहम पहलू होता है। इससे दुर्घटना में पीड़ित को सहायता प्रदान की जा सकती है। बीमा नहीं होने पर पहली बार पकड़े जाने पर 3 महीने तक कारावास और ₹2000 तक का जुर्माना लग सकता है या फिर दोनों। दूसरी बार पकड़े जाने पर 3 महीने की जय और ₹4000 का जुर्माना।